बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। उत्तर प्रदेश के 32 जिलों के 205 विद्यालयों से जुड़े शिक्षकों की किस्मत जल्द ही चमक सकती है। इन विद्यालयों के लिए भारत सरकार से अनुदान मिलने की संभावना बढ़ गई है। विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कर आख्या मांगे जाने से शिक्षकों की उम्मीदों को पंख लग गए हैं। यह बात दलित शिक्षक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कही।
दलित शिक्षक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पत्रकारों से वार्ता कर बताया कि भारत सरकार गरीब और निम्न वर्ग के छात्र-छात्राओं को समुचित शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत आवर्तक अनुदान देती है। इस संबंध में संगठन की ओर से आठ दिसंबर 2023 को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को आवेदन प्रस्तुत किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की सूची संलग्न की गई थी। इस आवेदन पर सकारात्मक कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रारंभिक एवं बुनियादी शिक्षा विभाग को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग ने संबंधित विद्यालयों का भौतिक सत्यापन कर स्पष्ट आख्या उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है। निर्देशों के अनुसार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा, अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक), प्रयागराज और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संलग्न सूची के विद्यालयों का सत्यापन कर अपनी संस्तुति निदेशालय को भेजेंगे। इसके आधार पर रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेजी जाएगी। उल्लेखनीय है कि दलित शिक्षक संगठन द्वारा प्रस्तुत सूची में उत्तर प्रदेश के 32 जनपदों के 205 विद्यालय शामिल किए गए हैं, जिन्हें अनुदानित करने की सिफारिश की गई है।



