ललितपुर

भगवान श्रीराम मूर्तिमान धर्म-मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ

अभय प्रताप सिंह

महरौनी(ललितपुर)- महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पर्व वैदिक रीति से मुख्य यजमान राजेन्द्र सिंह रज्जू प्रधानाचार्य सपत्नी एवं पुरोहित मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ द्वारा सम्पन्न हुआ।
मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ ने कहा कि हमारे लिए इससे अधिक सौभाग्य ओर क्या हो सकता है कि हम ऐसे मर्यादा पुरुषोत्तम आदर्श चरित्र श्रीराम की संतान है जिनके सदाचार का उज्ज्वल प्रकाश साढ़े नौ लाख वर्ष की लंबी श्रंखला को पार कर हमें वैदिक कर्तव्यपथ पर चलने की प्रेरणा दे रहा हैं।महर्षि बाल्मीकि ने भगवान राम के जिन गुणों का व्याख्यान किया उनमें आत्मवान,शुभ गुणों से लक्षित,संयमी,नीतिमान,धर्मज्ञता,कृतज्ञता, पवित्रता,सदाचार से युक्त,दृढ़व्रती, आर्या,समुद्र के समान गम्भीर,पृथ्वी के समान क्षमाशील,धर्म के समान सत्य का पालन करने बाले गुण बताएं ।
आर्य मंत्री शिक्षक लखन लाल आर्य ने कहा कि भगवान श्रीराम मूर्तिमान धर्म हैं । सनातन धर्म संस्कृति रक्षक और संवाहक थे। हम उनके बताए मार्गपर चलकर ही सच्चे अनुयायी बन सकते हैं।
अयोजन में हरप्रसाद प्रजापति एड,रामसेवक निरंजन शिक्षक,बाबूलाल नायक शिक्षक,सुम्मेर सिंह,पप्पू नामदेव,अवधेश प्रताप सिंह,पवन तिवारी,रामप्रताप सिंह बैस,दिनेश सिंह,नरेंद्र राजावत,कमल सिंह,जयदेवी शुक्ला,सुमन लता सेन,रागनी दुबे,वेदिका शुक्ला, आदि आर्य जन उपस्थित रहें।

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