अभय प्रताप सिंह
महरौनी(ललितपुर)– महर्षि दयानन्द सरस्वती योग संस्थान आर्य समाज महरौनी के तत्वाधान में वैदिक धर्म को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य द्वारा आयोजित व्याख्यान माला के क्रम में “नचिकेता की कथा और मैं ” विषय पर वैदिक विद्वान आचार्य अंकित प्रभाकर परोपकारिणी सभा अजमेर ने कहा नचिकेता ने यमाचार्य से तीन वर माँगे पहला वर हमारे पिता का क्रोध शान्त हो जाये,दूसरे वर में मांगा हम क्या दान दे,किसको दान दे जिससे हमारा दान सार्थक रहें और तीसरे वर में उसने मृत्यु भय से बचने का उपाय पूंछा,यमाचार्य ने कहा प्रिय आत्मन संसार मे जितनी दुर्लभ बस्तुएँ हैं उन सब को माँग ले,सौ वर्ष की आयु,हाथी घोड़े,रथ,सुंदर स्त्रियाँ,ऐश्वर्य आदि किन्तु मृत्यु के बारे में कुछ मत माँग, तुझसे पहले कितने देवों ने,कितने ऋषियों मृत्यु के बारे में जानना चाहा,मगर मेने उनको कुछ नही बताया,तू उस योग्य नही हैं,नचिकेता ने कहा भगवन चूँकि आप वर देने के लिए बाध्य हैं,इसलिए मनोबांछित ही वर दें,तब उन्होंने उसकी लग्न को देखकर के उन्होंने कहा कि धन के मोह से जो दूसरी कोई बात सोच नही सकता ऐसे प्रमादी अनभिज्ञ व्यक्ति को मृत्यु का भेद नही पता नही चलता हैं । तू इसका अधिकारी है सुन!शौच,सन्तोष,तप:,स्वाध्याय, ईश्वर-प्रणिधान तथा अहिंसा,अहिंसा,अस्तेय,ब्रह्मचर्य अपरिग्रह इनके द्वारा अपने जीवन को तपोमय बनाने बाला मृत्यु के भय से बच जाता हैं।
सारस्वत अतिथि पण्डित धीरेंद्र पांडेय पुरोहित आर्य समाज जबलपुर ने कहा कि संसार मे दो मार्ग है श्रेय मार्ग-प्रेय मार्ग हैं,प्रेय मार्ग हमें संसार के समस्त सुख देने बाला होता है, जबकि श्रेय मार्ग के द्वारा हमारा उस परमात्मा का साक्षात्कार कर सकते हैं।
सुरेंद्र कुमार आर्य पँछी पुन्हाना ने कहा “आज अवधपुर सुर नर आतुर आंगन आँगन दीप जलावें”कविता के माध्यम से भगवान श्रीराम के उच्च आदर्श कक हम सभी के सामने रखा।
उर्मिला आर्या कानपुर ने “वेद खुद ही पढ़ो और पढ़ाया करो” गीत के माध्यम से वेद की महिमा बताई।
वेविनार को सफल बनाने इंजीनियर हाकिम सिंह राजपूत,प्रताप नारायण पाल कडेसरा कलां,मनोज तिवारी टाटा भैया प्रधानाचार्य,रामावतार लोधी प्रबंधक दरौनी,नितेश लोधी सतगता, अवधेश प्रताप सिंह बैस, डॉ पंकज तलेले महाराष्ट्र,जय प्रकाश पांडेय प्राचार्य प्रतापगढ,रामकुमार सेन अजान,सुमन लता सेन शिक्षिका,सुरेश गौतम अमेरिका,डॉक्टर वेद प्रकाश शर्मा बरेली, सहित सम्पूर्ण विश्व से आर्य जन जुड़ रहें हैं।
संचालन संयोजक आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य एवं आभार मुनि पुरुषोत्तम वानप्रस्थ ने जताया।