कोंच

मूर्खाधिराज का मूर्खों की जमात ने ऊल जलूल हरकतों से किया स्वागत

0 कोंच में बुंदेली संस्कृति एवं लोक कला संबर्द्धन संस्थान के तत्वाधान में हुआ महामूर्ख सम्मेलन
0 पांच दशकों से चली आ रही परंपरा को नगरवासियों ने किया जीवंत

कोंच(जालौन)। होली के सतरंगी पर्व पर शुक्रवार की दोपहर नगर के केलरगंज में ‘बुंदेली संस्कृति एवं लोक कला संबर्द्धन संस्थान‘ के तत्वाधान में परंपरागत रूप से महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन किया गया। आयोजन में हजारों की संख्या में मौजूद मूर्खों के बीच डठूला माथे पर और टिकली ठुड्डी पर अलंकृत कर दूल्हा वेश धारण किए जैसे ही मूर्खाधिराज पधारे, मूर्खों की जमात ने उनका जोरदार स्वागत किया। मूर्खाधिराज का तमगा ऊल जलूल हरकतों के लिए अपनी पहचान कायम कर चुके भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिलाध्यक्ष महेंद्र कुमार सोनी ‘लला‘ को चिपकाया गया था। सम्मेलन वरिष्ठ रंगकर्मी स्व. ज्वालाप्रसाद दीक्षित व स्व. रामबाबू अग्रवाल ठठेरे को समर्पित रहा।
परंपरागत रूप से पिछले पांच दशक से अनवरत जारी इस महामूर्ख सम्मेलन में मूर्खाधिराज के साथ कृपाशंकर द्विवेदी बच्चू महाराज, भाजपा नगर अध्यक्ष सुनील लोहिया, सुनील शर्मा, ओमप्रकाश कुशवाहा, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सत्येंद्र शीलू पड़री, शरद निरंजन विरगुबा, प्रधान विरगुवां रवि महाराज, बादाम सिंह कुशवाहा, रविकांत कुशवाहा, पूर्व मूर्खाधिराज द्वय डॉ. पीडी चंदेरिया, अनिल कपूर, किन्नर गुरु सलमा, पूर्व सभासद संजय सोनी, किन्नर सरोजबाई, विकास पटेल, पवन परिहार, नरेंद्र विश्वकर्मा, अनिल पटेल, चंदू सोनी समेत दर्जनों मूर्ख उनके बारातियों की तरह मंच पर ठुंसे थे जिन्हें आयोजन समिति के लोगों ने हाथों हाथ लिया और उनके कंठ में गजरे डाल कर उन्हें अपनी मूर्खता पर खुश होने का अवसर दे डाला। आयोजक संस्था के अध्यक्ष रमेश तिवारी, प्रबंधक पुरुषोत्तमदास रिछारिया, मंत्री नरोत्तम स्वर्णकार, संजय सोनी, अभिषेक रिछारिया ‘पुन्नी‘, करुणानिधि शुक्ला, सौरभ मिश्रा, वीरेंद्र त्रिपाठी, राहुल राठौर, अतुल शर्मा, दुर्गेश कुशवाहा, पवन अग्रवाल दिलीप पटेल, सौरभ झा, शिवम झा, मारुतिनंदन लाक्षकार आदि ने मूर्खाधिराज के कंठ को पुष्पहारों से इतना भर दिया कि वे खुशी के मारे दूनर हो गए। संचालन श्रवण सविता ने किया। इससे पूर्व लवली चैराहे से ढोल नगाड़े के साथ बग्घी में सवार हुए महेंद्र सोनी की बारात नई स्टेट बैंक, चंदकुआं चैराहा, चैकी तिराहा से रामगंज होकर महामूर्ख सम्मेलन स्थल केलरगंज पहुंची।
इस दौरान मूर्खाधिराज महेंद्र कुमार सोनी ने इस परंपरा को कोंच की विरासत बताते हुए कहा कि होली जैसे अन्य पर्वों पर भी लोगों को आपसी बैमनस्यता त्याग कर एक दूसरे की मदद करते हुये प्रसन्नतापूर्वक अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने अंदर की बुराइयों को जला कर एक नए युग का सूत्रपात करने के लिए दृढप्रतिज्ञ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि खुद प्रसन्न रहने और दूसरों को प्रसन्न करने की कला जिसने सीख ली वही पर्वों के सही महत्व को जान सकता है और दूसरों को भी बता सकता है। स्वागत सत्कार जैसी बेवकूफियों से निपटने के बाद जब हंसाने और गुदगुदाने का दौर शुरू हुआ तो वहां जमे हजारों मूर्ख घंटों ठट्ठा मारते रहे। हास्य और प्रहसन के दौर में जहां मूर्खाधिराज से जुड़े अतीत को कुरेद कर उनकी पोलें खोली गई, वहीं मंच पर विराजे अन्य छोटे बड़े मूर्खों को लेकर भी गजब की व्यंग्यिकाएं परोस कर माहौल को खुशगवार बनाए रखने का पीठ ठौंकू प्रयास किया गया। महिला व अन्य पात्र अतुल शर्मा, अभिषेक रिछारिया, सुशील दूरवार मिरकू महाराज, हिमांशु राठौर आदि ने निभाए। शिक्षक कमलेश निरंजन, कवि मोहनदास नगाइच, भास्कर सिंह माणिक्य, संजय सिंघाल ने व्यंग्य बांचे। इस दौरान किशोर यादव, अनुरुद्ध मिश्रा, विशाल गिरवासिया, कन्हैया नीखर, हरिश्चंद्र तिवारी, रवि दीक्षित, धर्मेंद्र राठौर, ब्रजेंद्र कुशवाहा, सागर अग्निहोत्री, हर्षित दुवे, कोतवाली के एसएसआई आनंद कुमार सिंह, दीपक गर्ग, निखिल सोनी, सौरभ पुरवार सहित तमाम अच्छे खासे मूर्ख वहां मौजूद रहे।
फोटो परिचय—
मूर्खाधिराज का स्वागत करते लोग।

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