कोंच(जालौन)। इस्लामी माह शाबान-उल-मुअज्जम की 14 तारीख को मनाया जाने बाला शब-ए-बारात का त्यौहार अकीदत के साथ मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिम भाई मस्जिदों में व महिलाओं द्वारा घरों में रात भर इबादतों का दौर चलता रहा। अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी की दुआएं मांगते रहे। बताया गया है कि सच्चे दिल से मांगी गई माफी की दुआ अल्लाह पाक कुबूल करता है। इसके साथ ही दुनिया से रुखसत हुए अपने पूर्वजों की कब्रों पर जा कर उनके लिए मगफिरत की दुआएं की गईं व दरगाहों, मजारों पर फातिहा पढ़ी गई। इस मौके पर मस्जिदों दरगाहों मजारों के आस पास काफी चहल पहल रही। जगह जगह चाय शर्बत व तबर्रुक का इंतजाम रहा।
विदित हो कि शब-ए-बारात मुसलमानों के त्यौहारों में से सबसे खास त्यौहार है। मुसलमानों की ऐसी धारणा है कि अगर इंसान शब-ए-बारात की रात सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत करते हुए अपने गुनाहों से तौबा करे तो अल्लाह उसके हर गुनाह को माफ कर देता है। तहसील क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर कब्रिस्तान में, मजारों पर मुस्लिम धर्म के अनुयायियों ने रोशनी की और अगरबत्ती जलाकर फूल चढ़ाए तथा इबादत करते हुए अपने गुनाहों की माफी मांगी। इस अवसर पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस त्यौहार के बारे में जानकारी दी तथा लोगों से अपील की कि इस त्यौहार को अमन चैन और शांति पूर्ण ढंग से मनाएं।
फोटो परिचय—
अल्लाह की इबादत करते लोग।