तीसरे दिन सुनाई गई भगवान श्रीकृष्ण जन्म की कथा
कस्बा का माहौल भक्तिमय, चल रहा श्रीलक्ष्मी-विष्णु महायज्ञ
अभय प्रताप सिंह
मड़ावरा ललितपुर- जिला के कस्बा मड़ावरा में डांक बंगला के सामने श्री सिद्धेश्वर धाम परिसर में श्री लक्ष्मी विष्णु महायज्ञ एवं सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन 03 मार्च से आगामी 09 मार्च तक के लिए चल रहा है। आयोजक मंडल के अध्यक्ष पर्वत लाल साहू ने बताया कि गुरुवार को कस्बा में नगर शोभायात्रा निकालकर आयोजन का सुभारम्भ किया गया था।। जिसका मधुर वाचन कथा व्यास आचार्य दयानंद शास्त्री के श्रीमुख से किया जा रहा है। आयोजन के दौरान संत परमदास महाराज और संत रामदास महाराज का पावन सानिध्य ग्राम एवं क्षेत्रवासियों को मिलना है। बताया गया कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ व संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के संरक्षक श्री रामजानकी मंदिर समिति को बनाया गया है।
भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक ने बताया कि कंस की चचेरी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ हुआ था। देवकी के विदाई के दौरान आकाशवाणी हुई कि देवकी के आठवें पुत्र के द्वारा तू मारा जाएगा। आकाशवाणी सुनकर कंस ने देवकी को मारने के लिए तलवार निकल ली। तलवार निकालने पर वसुदेव ने कंस से अनुग्रह कर साथ ही वचन दिया कि देवकी की सभी संतान आपको सौंप दूंगा। कंस ने वसुदेव की बात मान ली और वसुदेव व देवकी को कारावास में डाल दिया। कारावास में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ। कृष्ण जन्म की कथा सुनकर भक्त भावविभोर हो गए। भागवत कथा के साथ-साथ भगवान की सुंदर सुंदर झांकियां प्रस्तुत कर देव स्वरूपों की आरती की गई और प्रसाद वितरित किया गया। झाकियां देखने के बाद भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के जयकारे लगाए। और जमकर नृत्य किया। कथा व्यास आचार्य दयानंद शास्त्री ने कहा कि भगवान की भक्ति करने से भगवान के धाम में जगह मिलती है। हमें अगर अपना कल्याण करना है तो भगवान की भक्ति करनी होगी। कलयुग में हरिनाम ही भव से पार कर सकता है।