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झोपड़पट्टी में रहने वालों को अब तक नहीं बांटे गये कम्ब्ल

0 समाजसेवी ने की मुख्यमंत्री पार्टल पर षिकायत

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन (उरई)। भीषण सर्दी के मौसम में झोपड़पट्टी में रहने वाले परिवारों को कंबल, अलाव आदि कोई सरकारी सहायता न मिलने से ऐसे परिवार गलन भरी सर्दी में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों को सहायता दिलाने के लिए समाजसेवी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई।
नगर पालिका परिषद द्वारा नगर में अलाव लगवाने और गरीबों को भीषण सर्दी से बचाने के बड़े बड़े दावे उस समय खोखले नजर आए जब एसआईसी के पीछे झोपड़पट्टी में रहने वाले बाल किशुन, प्रधान, शांति देवी आदि से सर्दी के मौसम में सरकारी सहायता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके लगभग दो दर्जन डेरे हैं। आज तक डेरों के आसपास कहीं भी अलाव नहीं लगवाया गया है। इतना ही नहीं अभी तक उनके परिवार के एक भी व्यक्ति को कंबल भी नहीं मिला है। जिससे वह इस गलन भरी सर्दी में बचाव कर सकें। बिजली घर के पीछे डेरे डालकर रहने वाले व एक हादसे में अपने माता पिता दोनों को खोने बाले मासूम कन्हैया को भी दो वर्ष से कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिली है। अधिकारियों से मिलने पर उसे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता है। झोपड़पट्टी में रहने वाले किशुन ने बताया कि उनके डेरे के लोग लकड़ी बीनकर लाते हैं। उसी को जलाकर अपनी सर्दी दूर कर रहे हैं। समाजसेवी शाकिर हसन वारिसी का कहना है कि अधिकारियों की उदासीनता के कारण कारण दर्जनों गरीब परिवार इस गलन भरी सर्दी में खुले आसमान के नीचे सर्द रातें गुजारने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील में जो कंबल आए हैं उन्हें पात्र व्यक्तियों को न बांटकर अपने चहेतों को बांट दिया गया है। जिससे पात्र व्यक्तियों को सर्द मौसम में परेशान होना पड़ रहा है। समाजसेवी ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।

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