ग्रामीण बोले-मंदिर के चारों ओर फैले अतिक्रमण से आए दिन हो रहे विवाद, दो दिन से नहीं हुई पूजा, हटाया जाए अतिक्रमण
अभय प्रताप सिंह
मड़ावरा। तहसील मड़ावरा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम साढूमल में बस स्टैंड के पास स्थित काली माता मंदिर के पास फैले अतिक्रमण से आए दिन वाद-विवाद हो रहे हैं। बीते दिन पुजारी ने मंदिर के आस-पास फैलाएं अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा तो पुजारी से ही विवाद हो गया। दर्जनों के संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी मड़ावरा को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाए जाने की गुहार लगाई है।
सोमवार को मड़ावरा तहसील पहुंचे दर्जनों ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपते हुए बताया कि ग्राम साढूमल में काली माता मंदिर के सामने कुछ व्यक्तियों ने अवैध रूप से लकड़ी के खोखा रखकर अतिक्रमण फैलाए हुए हैं। जिसके चलते मंदिर परिसर में लोग दिनदहाड़े जुआ खेल रहे हैं। इससे मंदिर का वातावरण दूषित तो हो ही रहा साथ ही मंदिर पर आने वाले श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना करने में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
यात्री प्रतीक्षालय अतिक्रमण की चपेट में
ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि काली माता मंदिर के बिल्कुल पास में बना यात्री प्रतीक्षालय भी अतिक्रमण की चपेट में है। यात्री प्रतीक्षालय के चारों ओर रखे लकड़ी के खोखे से वह पूरी तरह ढक गया है। जिसके चलते यात्री प्रतीक्षालय को लोग इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।
मंदिर की दो दिन से नहीं हुई पूजा
बताया गया कि मंदिर के पुजारी रामकुमार बरौलिया ने जब मंदिर के सामने फैले अतिक्रमण की वजह से फैली गंदगी को रोकने के लिए कहा तो उनके साथ कुछ लोगों ने उनके साथ अभद्रता कर दी,जिसके कारण मंदिर के पुजारी दो दिन से मंदिर नहीं गया और मंदिर की पूजा नहीं हो सकी। इसके बाद से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी से मांग की है कि काली माता मंदिर, यात्री प्रतीक्षालय और तलऊ रोड़ पर अवैध रूप से रखे खोखे हटवाए जाएं। ज्ञापन पर रामकुमार बरौलिया,बालकिशन रजक, मुकेश तिवारी, बंशी रजक, अक्षय रजक, मनोज कुमार, भैयालाल, तुलसी कुशवाहा, सीताराम सेन, रामप्रसाद, प्रताप नारायण पाल, सुनील मिश्रा, कामता प्रसाद, राज विश्वकर्मा, हरनारायण, आशाराम, रामचरन अहिरवार आदि हस्ताक्षर अंकित रहे।