उरई

राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के प्रधानाचार्य पर आरोपों का दौर जारी

0 स्टाफ नर्स ने प्रधानाचार्य पर लगाया अभद्र भाषा प्रयोग करने का आरोप
0 पूर्व में भी स्टाफ द्वारा लगाए जा चुके गंभीर आरोप

सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई(जालौन)। योगी सरकार के एक्शन में आने के बाद लगातार अपराधियों व भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर रही है और सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य पर काफी जोर दिया जा रहा है जिनको सुद्रण बनाने के लिए कई प्रयास भी किए जा रहे हैं। नारी सुरक्षा को भी लेकर सरकार का सख्त रवैया सामने आया है और सरकार द्वारा कहा गया की महिलाओं के साथ अभद्रता करने वाले को बिल्कुल नहीं बक्शा जाएगा ।
सरकार के अच्छे कार्यों की वजह से जनता शासन प्रशासन पर अपना भरोसा जता रही है लेकिन कुछ सरकार के ऐसे नुमाइंदे भी हैं जो सरकार की छवि धूमिल करने में लगे हुए लेकिन ऐसे लोगों को कौन संरक्षण देता है जिसकी वजह से यह लगातार अपने हौसले बुलंद करके ऐसे कृत्य करते रहते हैं जिनसे लोगों को परेशानियों का सामना भी उठाना पड़ता है और यह भ्रष्टाचारी कानूनी शिकंजे से भी निकल जाते हैं लेकिन एक बात तो तय है की योगी सरकार में कोई नहीं बख्शा जाएगा । ऐसे लोगों के कृत्य जिस दिन योगी सरकार की नजर में आएंगे उस दिन इन पर बड़ी कार्रवाई का हंटर चलना तय है।
एक और जहां मेडिकल की सुविधाओं को लोगों तक सुचारू रूप से पहुंचाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के प्रधानाचार्य के कई कारनामे उजागर हुए। जहां आए दिन एक नया कारनाम उजागर होता है। जहां एक मरीज के परिजनों द्वारा बताया गया की मेडिकल कॉलेज में मरीज को भर्ती करने के बाद उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसमें बताया गया की मेडिकल कॉलेज मैं शौचालय की व्यवस्था बद से बदतर है और ना ही पीने वाले पानी की कोई सुविधा है इन सुविधाओं के बारे में जब प्रधानाचार्य को मरीज के परिजनों द्वारा फोन लगाया गया तो प्रधानाचार्य द्वारा फोन नहीं उठाया गया । सोचनीय तो यह है कि शौचालयों की लाइने चोक होने की वजह से मरीजों को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा। यह तो सब समझ सकते हैं । लेकिन इसके बाद मरीज के परिजन द्वारा जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी पूरी शिकायत भी की गई फिलहाल जिसका निस्तारण भी अधिकारियों द्वारा कर दिया गया उसके बाद जब शिकायतकर्ता से बात की गई तो शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा असंतुष्ट फीडबैक दिया गया है और जब मेरा मरीज उपचार के लिए मेडिकल में था उस समय हम लोगों की किसी ने नहीं सुनी और हम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इसी क्रम में बीती रात एक और घटना सामने आई है जिसमें एक स्टाफ नर्स द्वारा बताया गया की मेरा प्रधानाचार्य द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा जब स्टाफ नर्स से पूरी बात पूछी तो स्टाफ नर्स ने बताया की बीती रात मेरी ड्यूटी वार्ड नंबर 1 में व एक और स्टाफ नर्स की ड्यूटी वार्ड नंबर 2 में लगाई गई थी जहां इन दोनो वार्डो की बाथरूम चोक होने की वजह से दूसरे वार्ड के बाथरूम में जाना पड़ता था और वार्ड नंबर 2 की स्टाफ नर्स दूसरे वार्ड के बाथरूम में गई थी । तभी रात में प्रधानाचार्य आ जाते हैं और मुझसे दो नंबर की स्टाफ नर्स के बारे में पूछते हैं तो मैंने उन्हें बताया की यहां के बाथरूम खराब होने की वजह से वह नर्स बगल वाले वार्ड में बाथरूम करने के लिए गई है जिसपर प्रधानाचार्य भड़क उठे और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे और बोले बास्टर्ड झूट बोलती है यहाँ का खराब वाशरूम तेरे घर के सही वॉशरूम से भी अच्छा है ऐसे बाथरूम तेरे घर में नहीं होंगे जो यहां पर हैं लेकिन स्टाफ नर्स द्वारा उनको यह भी बताया गया की बाथरूम खराब होने की शिकायत पहले ही वार्ड कि सिस्टम इंचार्ज द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दी जा चुकी है लेकिन प्रधानाचार्य द्वारा मेरी कोई भी बात नहीं सुनी गई वह मुझसे लगातार अपशब्द कहते रहे जहां पर महिलाओं का सम्मान किया जाता है वहां इस तरह की भाषा शैली का प्रयोग करना कहां तक उचित है और स्टाफ नर्स का इस तरह की अभद्र भाषा बोल कर मानसिक उत्पीड़न किया गया है । जिसको लेकर स्टाफ नर्स ने उच्च अधिकारियों से प्रधानाचार्य की शिकायत करने की बात कही अगर देखा जाए तो पूरी घटना की सत्यता जांच के बाद ही पता चलेगी लेकिन आए दिन राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन के प्रधानाचार्य पर नए आरोप लगते रहते हैं । जिनकी जांचें भी होती हैं और बहुत सी जांचे जो आज भी लंबित हैं जिनकी जांच की जा रही है लेकिन इतनी शिकायतें होने के बावजूद सूबे की सरकार इसका संज्ञान लेकर क्यों नहीं निस्तारण करवा रही है लेकिन आरोप-प्रत्यारोप के दौर तो चलते रहते हैं और जो आरोप लगाए जा रहे हैं या जो शिकायतें की जा रही है इसकी सत्यता जांच के बाद ही पता चलेगी।
फोटो परिचय- राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन

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