
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। पशुपालक अपने पशुओं को अन्ना छोड़ देते हैं। अन्ना पशु खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। पीड़ित किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर अन्ना प्रथा पर रोक लगाने की मांग की है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम धंतौली निवासी किसान अमर सिंह, संदीप, अंशुल, प्रमोद कुमार, बलराम, रामजी पटेल, अंगद पटेल, रामसरोज, प्रेमसिंह आदि ने एसडीएम विनय मौर्य को ज्ञापन सौंपकर बताया कि उनके गांव के पशु पालक अपनी गाय, भैंस, बकरी आदि जानवरों को खुला छोड़ देते हैं। यह जानवर चरते हुए खेतों में पहुंच जाते हैं। खेतों में पशु कुछ फसल को चरते हैं तो कुछ फसल को रौंदकर नष्ट कर देते हैं। अन्ना जानवरों के खेतों में घुसने किसानों की फसल तो नष्ट होती ही है साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है। जब पशुपालकों को अन्ना पशु छोड़ने के लिए मना करते हैं तो वह झगड़े पर आमादा हो जाते हैं। पीड़ित किसानों ने एसडीएम से गांव के पशुपालकों को पशुओं को उनके बाड़े में ही बांधे जाने के निर्देश दिए जाने की मांग की है। किसी भी तरह के पशुओं को अन्ना खोलने से रोकने की भी मांग की है, ताकि किसानों की फसलों को नुकसान न हो और उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।