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मनरेगा में घोटाले पर प्रधान पर वसूली की लटकी तलवार

माधौगढ़ (जालौन)। केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना में भ्रष्टाचार का दीमक पूरी तरह लग चुका है। मनरेगा के तहत कराए जा रहे विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा जमकर है। इक्का-दुक्का शिकायतों में कार्रवाई होती है। बाकी शिकायतें कागजों में सिमट कर रह जाती हैं। लाखों-करोड़ों के घोटाले क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत से करवाये गए कार्यों में होते रहते हैं। किसी ने पीछे पड़ कर शिकायत कर दी तब तो कार्यवाही होती है। अन्यथा सब ठंडे बस्ते में चला जाता है।
रामपुरा विकासखंड के हुकुमपूरा निवासी राकेश सिंह पुत्र हाकिम सिंह ने बिलौंड ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हुए घोटाले की शिकायत की थी। जिसमें जिलाधिकारी के आदेश के बाद जांच हुई, तो अब बंधा निर्माण और चकबंदी निर्माण में फर्जीवाड़ा पाया गया। जिसके तहत प्रधान और सचिव को दोषी मानते हुए उनको नोटिस देते हुए 20 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। प्रधान और सचिव द्वारा वर्ष 2020 और 21 के वित्तीय वर्ष में आसाराम,नेतराम और रामरतन के खेत पर बंधा निर्माण कराया गया था। इसके अलावा सुरेंद्र सिंह के खेत से मरजाद के खेत तक और रामअवतार के खेत से रामदास के खेत तक चकबंध का निर्माण कराया गया था। जिनमें खूब घोटाला हुआ। जांच के बाद 2,30,613 रुपये का अधिक व्यय दिखाकर सरकारी पैसे का गबन किया गया। घोटाले का दोषी प्रधान और सचिव को मानते हुए उनसे रिकवरी का नोटिस दिया गया है।
फोटो परिचय- खेत तक चकबंध का निर्माण कराया

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