ललितपुर

सहारा अभिकर्ता हुए बेसहारा,बेरोजगार अभिकर्ता कर रहे शीघ्र ही समाधान की गुहार

वर्षों से सहारा को सहारा दे रहे अभिकर्ता कम्पनी का कार्य बाधित होने से कंगाली के कगार पर

अभय प्रताप सिंह

ललितपुर। एक समय प्रदेश सहित सम्पूर्ण देश में अपने अभिकर्ताओं की चैन के बल पर नाम बनाने वाली निजी बैंकिग कम्पनी सहारा इंडिया का बीते वर्षों से कार्य बाधित हो जाने के चलते लाखों अभिकर्ता(एजेंट)बेरोजगार होकर दर दर की ठोकरें खाने को बेबश नजर आ रहे हैं अब तो बेरोजगार हो चुके शीघ्र ही उक्त समस्या के समाधान किये जाने की गुहार लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि एक दौर में सहारा इंडिया कम्पनी का देश में बहुत बड़ा नाम बन चुका था जिसमें भारतीय रेलवे के अलावा सबसे ज्यादा रोजगार देने का कार्य सहारा इंडिया कम्पनी ने ही किया था जिसके अंतर्गत सरकारी बैंकों के बाद निजी क्षेत्र में सहारा इंडिया कम्पनी पर आमजनमानस का पक्का विस्वास बन गया था जिसका मुख्य कारण सहारा इंडिया कम्पनी में कार्य करने वाले कार्यकर्ता थे जिन्होंने अपने जानने पहचानने वालों को अपने व्यवहार व विस्वास के भरोसे सहारा इंडिया कम्पनी में जोड़ा था जिसका परिणाम यह हुआ कि देश भर में सहारा कम्पनी को आम आदमी का पक्का सहारा मानने लगे थे सहारा में पूर्ण विस्वास के साथ लोग अपनी मेहनत की कमाई का निवेश आंख मूंदकर करने लगे थे आज भी जमाकर्ताओं का करोड़ों रुपए सहारा इंडिया की विभिन्न योजनाओं में जमा है जिनकी भुकतान अवधि भी पूर्ण हो चुकी है किंतु वित्तीय नियामक संस्था (सेवी)द्वारा सहारा इंडिया कम्पनी की कुछ इकाइयों पर लगाई गई रोक के चलते जमाकर्ता वर्षों से अपने जमाधन को बापिस पाने को परेशान है जिसके कोपभाजन का शिकार बेरोजगार हो चुके अभिकर्ताओं(एजेंट)को बनना पड़ रहा है आलम यह है कि आये दिन सहारा जमाकर्ता और अभिकर्ता के बीच झगड़ा होना आम बात हो गयी है जमाकर्ताओं की माने तो उनका पक्ष यह रहता है कि अभिकर्ता के विस्वास पर ही कम्पनी में अपना पैसा जमा किया गया था तो अमुख अभिकर्ता ही पैसा बापिस कराए और अभिकर्ता की बात सुनी जाए तो उसका कहना रहता है कि कम्पनी में निवेश कराया गया जब तक कार्य शुचारु रहा तब तक समय से भुकतान कराया अब जब कम्पनी का कोर्ट में मामला चल रहा काम तो बंद हुआ ही ऊपर से लाखों अभिकर्ता बेरोजगार भी हो गए इन्हीं सब हालातों पर सहारा में काम कर चुके अभिकर्ताओं का पक्ष जानने की कोशिश की गयी तो उनका कहना है……..

1-सहारा इंडिया कम्पनी में 25वर्षो तक कार्य करने वाले सन्मति कुमार जैन ने बताया कि मैने अपने विस्वास पर तहसील मड़ावरा क्षेत्र के हजारों लोगों के खाते खोले और निवेश कराया जिसके एवज में मिलने वाली कमीशन से ही हमारे घर परिवार का खर्च चलता था किंतु जबसे कम्पनी के कार्य पर रोक लगी है तबसे मेरे जैसे हजारों कार्यकर्ता बेरोजगार हो गए हैं आलम यह है कि कम्पनी के कार्य में अपने वर्षों खपाने के बाद बेरोजगार हो जाने से अब किसी कार्य करने लायक भी नहीं बचे हैं

2-तहसील मड़ावरा क्षेत्र में सहारा अभिकर्ताओं में प्रमुख नाम रहे प्रकाश नारायण गुप्ता जो कि सहारा इंडिया कम्पनी के भुकतान नही करने से प्रतिदिन जमाकर्ताओं से होने वाली बहस के चलते बीमार रहने लगे थे व अंततः उनकी असमय ही मौत हो गयी थी दिवंगत प्रकाश नारायण के पुत्र अन्वेष मंगलम ने बताया कि पिता की अचानक हुयी मृत्यु से परिवार पर बहुत बड़ा बज्रपात हुआ था जिससे अचानक ही पारिवारिक जिम्मेवारी हम लोगों पर आ गयीं किन्तु जिन समस्याओं से पिता परेशान थे वह हमारा भी पीछा नहीं छोड़ रहीं आये रोज निवेशकर्ताओं के द्वारा भुकतान दिलवाए जाने की मांग की जाती है जो कि हमारे वश में नहीं है।

3-सहारा इंडिया कम्पनी में कार्य कर अपने 24 वर्ष खपाने वाले कस्वा निवासी अजीज मोहम्मद ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड बनाम सेवी और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड बनाम सेवी का वाद विचाराधीन है जबकि उक्त दोनों कम्पनियों का हमारे क्षेत्र में कोई भुकतान बकाया नहीं है हमारे निवेशकों का सहारा समूह की कंपनी सहारा क्यू शॉप यूनिक प्रोडक्ट्स रेंज लिमिटेड,सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड,सहारयन यूनिवर्सल मल्टी परपज सोसाइटी लि. व हमारा इंडिया क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का भुकतान लगभग 4 वर्षो से लंबित है फिर भी कम्पनी के अधिकारियों द्वारा न्यायालय की आड़ लेकर परेशान किया जा रहा जिसपर शासन प्रशासन का ध्यान अपेक्षित है।

4-सहारा अभिकर्ता रहे तहसील क्षेत्र के ग्राम धवा निवासी करन सिंह पटेल उर्फ मनी ने बताया कि कम्पनी के अधिकारियों द्वारा नजायज रूप से भुकतान पर लगायी गयी रोक के चलते आये रोज निवेशकों से वार्तालाप हो जाती है साथ ही काम न चलने से हमारे परिवार भी बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं घरों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने लगी है वर्षो से एक ही संस्था में कार्य करने व अन्य कार्यों का अनुभव न होने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शासन प्रशासन के नुमाइंदों से जनहित में निवेदन है कि शीघ्र ही समस्या का समाधान करवाया जाए

फोटो परिचय
1-सन्मति कुमार जैन
2-अन्वेष मंगलम असाटी पुत्र स्व.प्रकाश नारायण
3-अजीज मोहम्मद खान
4-करन सिंह उर्फ मनी पटेल

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