0 ग्रामीणांचल की महिलाओं व किशोरियों ने तोड़ी चुप्पी
सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई (जालौन)। नेशनल बालिका दिवस के मौके पर यूनोप्स के द्वारा कुसमरा बावनी व परौसा ग्राम में सुरक्षित माहवारी प्रबंधन जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें महिलाओं व किशोरियों ने भाग लिया।
जैसुखपुर की आशा कार्यकत्री प्रीति ने बताया बताया कि माहवारी एक जैविक प्रक्रिया है। हर माह 5 से 7 दिनों के बीच का समय माहवारी के चक्र होता है। इससे घबराने, डरने, छुपाने, की बात नहीं है। यह शर्म संकोच की भी बात नहीं है। माहवारी पर चुप्पी तोड़नी होगी और हमें इसके प्रति अधिक से अधिक लोगों को जानकारी देनी होगी। ग्राम कुसमरा बावनी की आशा कार्यकत्री संपत ने कहा कि सुरक्षित महावारी प्रवंधन के लिए हर तीन से चार घंटे पर माहवारी के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले कपड़े, सैनेटरी पैड को बदलते रहे। माहवारी के दौरान उपयोग में लाये गए कपड़ें, सेनेटरी पैड को जमीन में गड्ढा खोदकर दबा दें। इसी प्रकार से माहवारी के दौरान यूज किए जाने वाले कपड़ों को अच्छी तरह से साबुन से धो करके तेज धूप में सुखाकर पुनः उपयोग में लाए जा सकते हैं। ग्राम परौसा की आशा कार्यकत्री अनुसूईया देवी ने कहा कि किशोरी उम्र में 11 साल से लेकर 15 साल के बीच में माहवारी की शुरुआत होती है। शुरुआत में यह अनियमित हो सकती है। किंतु बाद में धीरे-धीरे सामान्य प्रक्रिया बन जाती है इस दौरान दर्द होने पर, घबराहट होने पर, या किसी भी तरह की बेचैनी होने पर तत्काल चिकित्सक की सलाह लें। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर महिलाओं को किशोरियों को चुप्पी तोड़ी नहीं होगी और माहवारी के प्रबंधन के लिए बात करनी होगी। सामाजिक कार्यकर्ता और यूनोप्स जिला सलाहकार देवेन्द्र गांधी ने कहा कि महिलाओं की उम्र में से 5 से 10 साल की जिंदगी इस सामान्य प्रक्रिया में गुजरती है। किंतु समाज में व्याप्त प्रक्रिया समाज में व्याप्त कुरीतियों और जानकारी न होने के कारण तमाम तरह की धारणाएं, कुरीतियां समाज में व्याप्त है, जिनको दूर करने की जरूरत है। यह प्रयास उसी दिशा में एक कड़ी है उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर महिला और पुरुषों को जागरूक होने की जरूरत है। सुंदर और सुंदरी कहानी के माध्यम से कहानी के माध्यम से उन्होंने माहवारी की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उपस्थित महिलाओं ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी पहले कभी किसी के द्वारा नहीं दी गई है। उन्हें इसकी जानकारी दी गई है। वह इसे अधिक से अधिक लोगो को बताएंगे तकि हर व्यक्ति जागरूक हो सके।
फोटो परिचय—
कार्यशाला में किशोरियों को जानकारी देते प्रशिक्षक।

