0 हिन्दू जागरण मंच और विहिप ने काटा हंगामा
0 बारिश, ठंड से बचाव के इंतजाम न होने से भूंख से दम तोड़ रहे मवेसी
0 गौशाला में सर्दी के चलते कई बेजुवान बीमार
कदौरा (जालौन)। बारिश व ठंड से बचाव के इंतजाम न होने से गौशाला में मवेसी दम तोड़ रहे हैं। जबकि अफसर व्यवस्थाएं दुरुस्त होने के दावे धरातल पर दम तोड़ते नजर आ रहे हैं।
ब्लॉक कदौरा के मरगांया गांव में संचालित गौशाला में दर्जनो से अधिक मवेशियो के शव गौशाला के बगल में पड़े होने का वीडियो शोशल मीडिया में शुक्रवार को वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होते ही हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष नीलाभ शुक्ला सहित दो दर्जन से अधिक पदाधिकारी मौके पर पहुच गए। गड्ढे में मवेशियों के शवों को देखकर गौशाला के अंदर कीचड़ में मवेशियों को फंसा देख उनके भूसे चारे के इंतजाम न होने पर जिला प्रशासन को सूचना दी। सूचना के बाद भी मौके पर किसी जिम्मेदार के न पहंुचने पर रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने हंगामा काट दिया। जिससे वहां मौजूद गौशाला कर्मी भाग गए। जिला प्रशासन की सूचना पर एडीओ पंचायत रामकुमार शाम 7 बजे गांव पहुंचे और मृत मवेशियों के शवों को दफन करवा कर भूसे चारे के इंतजाम के साथ अलाव जलवाने के निर्देश दिए। जिलाध्यक्ष नीलाभ शुक्ला ने बताया कि उनको कई दिनों से लगातार सूचना मिल रही थी। उन्होंने शुक्रवार शाम 5 बजे मरगांया पहंुचकर स्थिति देखी है। गौशाला के समीप गड्ढे में दर्जन से अधिक मवेशियों के शव व कंकाल मिले हैं। गौशाला में भूसे चारे के कोई इंतजाम नहीं है। एक माह पूर्व गौशाला में तीन सौ से अधिक मवेसी थे। वर्तमान में संख्या आधी है। ब्लॉक के जिम्मेदार मवेशियों को दफनाने की वजह खुले में फेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही नही हुई तो हिन्दू जागरण मंच आंदोलन पर बाध्य होगा। गौशाला में बारिश व ठंड से बचाने के लिए गौशाला में कोई इंतजाम नही है। दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है और मवेसी दलदल में खड़े हैं। वही ग्रामीणों का आरोप है कि खाने के लिए दो तीन दिन में एक बार दिया जाता है। जिस कारण तार व टट्टर तोड़ कर मवेसी निकल भी जाते हैं।
विहिप प्रमुख भी पहंुचे मरगांया गौशाला, कठोर कार्यवाही की मांग
कदौरा। शुक्रवार को दर्जनों मृत मवेशियो के वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार सुबह विश्व हिंदू परिषद प्रमुख मोनू पंडित पदाधिकारियों के साथ मौके पर पहुचे और उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते ही दूरभाष पर डीएम व सीडीओ से दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की। उन्होंने कहा कि मामला गम्भीर है। अगर कार्यवाही नहीं हुई तो वह आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
गौशालाओं में मृत मवेशियों के वीडियो कई बार हो चुके वायरल
कदौरा। भीषण ठंड व बचाव के इंतजाम न होने के कारण विगत दिनों पूर्व सहादतपुर, रोगी, पंडौरा व ग्राम बड़ागांव में स्थित गौशालाओं में मृत मवेशियों के शवों के वीडियो वायरल हो चुके हैं। जिम्मेदारों ने कार्यवाही तो दूर व्यवस्थाएं भी सही नहीं करवाई है। मवेसी बारिश व ठंड से कीचड़ में रहने को मजबूर हैं।
आधा दर्जन गौशालाओं में भी स्थिति बदहाल।
कदौरा। ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम पंचायत पंडौरा, बबीना, कठपुरवा, उदनपुर, हरचन्द्रपुर की गौशालाओ में भी मवेसी ठंड व कीचड़ में खड़े रहने को मजबूर हैं। शिकायतों के बाद भी अधिकारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
डीएम ने जांच के गठित की टीम
कदौरा। कीचड़ भरे गड्ढे में बड़ी संख्या में मृत गौवंषों के षव मिलने का मामला तूल पकड़ते ही डीएम ने जांच के लिए टीम गठित की है। उन्होंने दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
एसडीएम, डीडीओ पहुंचे निरीक्षण करने
कदौरा। हिन्दू जागरण मंच व विश्व हिंदू परिषद द्वारा नाराजगी व्यक्त करने पर प्रशासन में हड़कम्प मच गया। शनिवार शाम आनन फानन में डीडीओ सुभाष चन्द्र मरगांया गौशाला पहुंचे। इसके साथ ही उप जिलाधिकारी कालपी भी गांव पहुंचे जहां पर उन्होंने काफी देर रुककर गौषाला की व्यवस्थाओं का बारीकी से निरीक्षण भी किया।
गौषाला संचालन में पर्यावरण नियमों की अनदेखी
कदौरा। गौशालाओं में ठोस अपशिष्ट अधिनियम 2016, खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2011 के साथ साथ लगभग आधा दर्जन पर्यावरण के नियमों का हो रहा खुले आम उल्लघंन किया जा रहा है। गौशालाओं में अमोनिया व नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसों से वायु प्रदूषण व नाइट्रेट से मिट्टी व भूजल हो रहे बुरी तरह प्रदूषित हो रहा है। गौशाला में गोबर होने से हो रहा प्रदूषण जनपद की गौशालाओं में गोबर के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं हैं और न ही कर्मचारियों द्वारा गोबर को रोज ही साफ किया जाता हैं इस इक्कट्ठा गोबर के ढेर पर गौवंश के खड़े रहता हैं और पानी बरसने पर यहीं दलदल का रूप ले लेता है जिसपर फंसकर गौवंश की मृत्यु हो जाती हैं।
भूसे के जगह मिलता सूखा पुआल
कदौरा। शासन द्वारा गौवंश के लिए गुड़, चोकर, उत्तम भूसे के लिए करोड़ों की राशि जनपद में भेजी जाती हैं पर निचले स्तर तक यह राशि आते आते प्रधान और सचिव द्वारा डकार ली जाती हैं और गौवंश को खाने के लिए पयार के दी जाती हैं जिससे गौवंश आत फट जाती हैं और वो बड़ी संख्या में मृत्यु का शिकार हो जाते हैं।
फोटो परिचय—
कीचड़ भरे गड्ढे में पड़े मृत गौवंषों के अवषेश।
फोटो परिचय—
गौषाला का निरीक्षण करते एसडीएम व डीडीओ।