
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। तहसील जालौन क्षेत्र के ग्राम कुठौंदा बुजुर्ग में संचालित अस्थायी मिनी सचिवालय ग्रामीणों के लिए सुविधाजनक साबित नहीं हो पा रहा है। डिजिटल सुविधा पूरी तरह उपलब्ध न होने और सचिवालय के अधिकांश समय बंद रहने के कारण ग्रामीणों को अपने आवश्यक कार्यों के लिए तहसील मुख्यालय तक भागना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर ग्रामीण गजेंद्र सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर गांव में ही जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।
कुठौंदा बुजुर्ग निवासी ग्रामीण गजेंद्र सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को प्रमाण पत्रों और राजस्व से जुड़ी सेवाओं के लिए तहसील मुख्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। इसके लिए गांव-गांव में मिनी सचिवालय स्थापित किए गए हैं, जहां जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आय, जाति, निवास, खसरा, खतौनी जैसे जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। कुठौंदा बुजुर्ग गांव में पंचायत भवन न होने की वजह से अस्थायी भवन में मिनी सचिवालय संचालित किया जा रहा है। यहां वाई-फाई सुविधा और कुछ जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन यह केंद्र पूरी तरह डिजिटल नहीं है। यही कारण है कि ग्रामीणों को सेवाओं का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि मिनी सचिवालय कई बार बिना किसी सूचना के बंद रहता है, जिससे ग्रामीणों को कार्य के लिए तहसील मुख्यालय जालौन तक जाना पड़ता है। इससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि ग्रामीणों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। बताया कि सरकार की योजना यदि सही तरीके से लागू की जाए तो गांव में ही उन्हें सभी आवश्यक प्रमाण पत्र और दस्तावेज उपलब्ध हो सकते हैं। इससे जहां सरकारी कामकाज की पारदर्शिता बढ़ेगी, वहीं लोगों को बार-बार तहसील मुख्यालय आने-जाने से भी निजात मिलेगी। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मिनी सचिवालय को पूरी तरह डिजिटल सुविधा से जोड़ा जाए और नियमित रूप से संचालित कराया जाए। ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में आम जनता तक पहुंच सके।



