
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में शिवभक्तों की कतारें लग गईं। अल सुबह शुरू हुआ पूजा-अर्चना का दौर पूरा दिन चलता रहा। श्रद्धालुओं ने शिव का जलाभिषेक किया तथा साथ ही दूध, दही, घी, चंदन, आक, धतूरा, भांग आदि अर्पित किए।
नगर के प्राचीन नर्मदेश्वर शिव मंदिर, कोतवाली स्थित रक्षिकेश्वर शिव मंदिर, सीएचसी स्थित शिव मंदिर समेत नगर व ग्रामीण क्षेत्र के प्रमुख मंदिर शिव आराधना और भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठे। औरैया रोड के प्राचीन नर्मदेश्वर शिवालय में सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। यहां दोपहर तक जलाभिषेक का क्रम लगातार जारी था। महिला-पुरुषों को कतार में लगकर बारी का इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा नगर के अन्य मंदिरों की भी यही स्थिति थी। ग्रामीण क्षेत्र के उदोतपुरा, कैंथ, खनुआं, उरगांव, माहिया, प्रतापपुरा, लौना, छानी, रूरा मल्लू आदि गांव में स्तिथ शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु महादेव का जलाभिषेक करने पहुंच गए। जहां दिन भर भोलेनाथ के जयकारों के साथ जलाभिषेक का क्रम जारी था। शिव भक्तों ने विल्वपत्र, आक, धतूरा, दूध, दही, घी आदि से महादेव का अभिषेक किया गया और हर हर महादेव के जयकारे लगाए। पंडित देवेंद्र दीक्षित ने बताया कि श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार शिवभक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। यह संपूर्ण मास शिवभक्ति के लिए समर्पित होता है, लेकिन सावन का पहला सोमवार और भी अधिक महत्त्व रखता है। बताया कि भगवान शिव का जलाभिषेक जीवन की समस्त कठिनाइयों को दूर करता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर जिन भक्तों की कुंडली में ग्रहदोष हो, उन्हें सावन के सोमवार व्रत रखकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए।