उरई

विद्यालयों के विलय और शराब की दुकानों के खिलाफ सौंपा राज्यपाल को ज्ञापन

सपा मजदूर सभा ने मजदूरी बढ़ाने, श्रम कानून बहाली और दलित उत्पीड़न रोकने की उठाई मांग

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई (जालौन)। समाजवादी पार्टी मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी उर्फ नन्ना के नेतृत्व में मंगलबार को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों पर नाराजगी जताते हुए कई मांगें रखीं। ज्ञापन में कहा गया है कि भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश भर के प्राथमिक विद्यालयों को एकीकृत कर बंद किया जा रहा है, जो गरीबों के बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर सीधा हमला है। स्कूल बंद होने से जहां गरीब छात्र शिक्षा से वंचित होंगे, वहीं युवा भटक कर नशे व अपराध की ओर जा सकते हैं।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि एक ओर स्कूल बंद किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जगह-जगह शराब की दुकानें खोली जा रही हैं, जो सामाजिक विघटन को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने मांग की कि प्रदेश में प्रस्तावित 5000 विद्यालयों को बंद करने की प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
ज्ञापन में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी ₹300 से बढ़ाकर ₹600 प्रतिदिन करने, पुराने श्रम कानूनों की बहाली और नए श्रम कानूनों को खत्म करने की मांग भी की गई। साथ ही श्रमिकों के पंजीकरण हेतु श्रम पोर्टल को तत्काल खोले जाने की बात कही गई। इसके अतिरिक्त, ज्ञापन में दलितों व अल्पसंख्यकों पर पुलिस उत्पीड़न पर भी चिंता जताई गई और ऐसे मामलों पर रोक लगाने की मांग की गई।
ज्ञापन सौंपने के दौरान सपा मजदूर सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय गौतम उर्फ योग महाराज, सांसद प्रतिनिधि राजू अहिरवार, बृजेंद्र चौधरी, गोविंद, दीपू चौधरी, वीरेंद्र, आदित्य, रविंद्र, अमन, बॉबी, रोहित, शोभित, विक्की, जितेंद्र समेत करीब आधा सैकड़ा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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