अभय प्रताप सिंह
ललितपुर। चौकाबाग में चल रही रामकथा के दूसरे दिन परम पूज्य संत मुरारी बापू ने कहा कि परमात्मा की कथा सदा सुखद होती है। जीवन में कथा ही परम सुखकारक एवं दुखों के निवारण का मूल मंत्र है। हर चीज सदा सुखद नहीं होती है। जीवन में आवश्यकता के हिसाब से कोई चीज कुछ काल के लिए सुखद हो सकती है। सदा सुखद तो प्रभु की कथा होती है, कठिन साधना के लिए सजल गुरू होना चाहिए। गुरू कृपा से सब संषयों की निवृति होती है, गुरू तत्व की कृपा ही जीव के लिए कल्याण का मूल है।
पूज्य जगदगुरू द्वाराचार्य मलूक पीठाधीश्वर डा. राजेंद्रदास देवाचार्य महाराज ,बगेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीव की इच्छाएं अनंत हैं और यह निरंतर बढती रहती हैं। अपनी चाह को संसार में न लगाकर प्रभु के चरणों पर लगाना चाहिए।