अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राइवेट कर्मचारियों की भरमार है। चिकित्सक के कक्षों में बैठे प्राइवेट कर्मचारी सरकारी की मंशा को बट्टा लगा रहे हैं तथा मनमर्जी चला रहे हैं। इसके कारण मरीजों व तीमारदारों को दिक्कत हो रही है। चिकित्सालय में प्राइवेट कर्मचारियों की भरमार है। चिकित्सकों के कमरों में हमेशा प्राइवेट कर्मचारी बैठे रहते हैं। ये कर्मचारी अपनी मन मर्जी चलाते हैं तथा व्यवस्थाओं को बनाने के नाम पर मरीजों व तीमारदारों को परेशान करते हैं। इतना ही कई लोग ऐसे भी हैं जो अपनी दवायें या चिकित्सकीय प्रोडक्ट चलाने के लिए चिकित्सालय में डटे रहते हैं तथा सामने बैठकर अपनी दवाएं व प्रोडक्ट लिखवाते रहते।चिकित्सालय में बैठे प्राइवेट लोग मरीजों तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। अभी हाल ही में एक तीमारदार ने चिकित्सालय में लगे प्राइवेट कर्मचारी द्वारा पैसा मांगने व पैसा लेने का वीडियो बनाकर वायरल किया था। एस डी एम अंकुर कौशिक ने मामले की जांच भी की थी किन्तु इसके बाद भी प्राइवेट कर्मचारियों पर रोक नहीं लग पायी और न ही इन कर्मचारियों द्वारा की जा रही है पैसों की वसूली पर रोक नहीं लग पा रही है।