कदौरा

खुले में शौच मुक्त अभियान में जिम्मेदारों की सोच पर लटका ताला

0 सामुदायिक शौचालयों का संचालन हुए बगैर हो रहा मानदेय का भुगतान

कदौरा (जालौन)। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भले ही जिले को शौच मुक्त बनाने के लिए लाखों की लागत से ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया। लेकिन इसके ताले नही खुल सके। ऐसे में गांवों में स्वच्छता की अलख जगाने की मुहिम फेल होती दिख रही है। जबकि इन शौचालयों की देखरेख के नाम पर महिला समूहों की सदस्यों को हर माह हजारों रुपये का मानदेय दिया जा रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन पर अधिकारियों की लापरवाही भारी पड़ रही है। लाखो रुपये से बने शौचालयों का संचालन नही शुरू हुआ। ग्रामीणो की माने तो शौचालयों का संचालन का जिम्मा अपने चहेतों को दिलाने के चक्कर मे गांव के मुखिया शौचालय संचालन शुरू कराना मुनासिब नही समझ रहे हैं। कई ग्राम पंचायतों में इसके संचालन की जिम्मेदारी ग्राम पँचायत स्तर पर समूहों को दी जा चुकी है। अधिकांश समूहों को छह-छह हजार रुपये मासिक मानदेय का भुगतान भी किया जा रहा है। ऐसे में बिना संचालन के किए जा रहे भुगतान पर ग्रामीणो ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बता रहे हैं। सब कुछ जाने हुए भी जिले के अफसर अंजान बने हुए हैं। बता दे कि ब्लॉक की 71 ग्राम पंचायतों में 70 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। जबकि जोहलुपुर ग्राम पंचायत में जगह उपलब्ध न होने के कारण निर्माण नही हो सका है। पंचायतीराज विभाग ने भले ही इन शौचालयों की जिओ टेंगिंग कर वाहवाही लूटी हो। लेकिन कई शौचालय आज भी ऐसे हैं जिनमे विद्युत कनेक्शन, टाइल्स, फर्श, पानी की टंकी आदि कार्य अधूरा पड़ा है।
परौसा का सामुदायिक शौचालय बना शोपीस
ग्राम पंचायत परौसा में सामुदायिक शौचालय एक साल से शोपीस बना हुआ है। गांव के कमल रामकुमार आदि का कहना है कि गांव के लोगो को इसका लाभ नही मिल पा रहा है। स्वयं सहायता समूह को भुगतना किया जा रहा है। जबकि गांव के लोगों को शौच के लिए परेशानी होती है।
हरचन्द्रपुर में बने शौचालय का नहीं खुला ताला
ग्राम पंचायत हरचन्द्रपुर के मुख्य बस स्टैंड में सामुदायिक शौचालय बनवाया गया है। निर्माण के बाद से ताला लटका हुआ है। जबकि 19 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल लोकार्पण किया था। जबकि लगातार समूह को भुगतना किया जा रहा है।
ऐसे मामलों की करायी जायेगी जांच
जब ऐसे मामलों के बारे में एडीओ पंचायत रामकुमार से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि जहां भी सामुदायिक शौचालय चालू नहीं हुए हैं। या बिना शौचालय संचालन के भुगतान हुआ है तो इसकी जांच करवा कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
फोटो परिचय—–
परौसा में बने सामुदायिक शौचालय में लटकता ताला।

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