कदौरा

जिम्मेदार के संरक्षण में जेसीबी मशीनों से हो रहा ग्राम पंचायतों में मनरेगा के काम

0 शिकायतों के बाद भी नही हो रही है सुनवाई
0 फर्जी निस्तारण कर जिले के अधिकारियों को किया जाता गुमराह

कदौरा (जालौन)।ब्लॉक क्षेत्र की लगभग आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में इस समय जेसीबी व टैªक्टरों की मदद से मनरेगा के कार्य हो रहे हैं। जिससे ग्रामीणो में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का आरोप है कि ब्लॉक अधिकारी के संरक्षण में ग्राम पंचायतों में तैनात मनरेगा जेई, पंचायत मित्रों के सहयोग से रात के अंधेरे व सुबह के उजाले में धड़ल्ले से बंधी बंधा, जलरोक बांधो में जेसीबी व टैªक्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। और शासन से आई हुई करोड़ो की धनराशि का बंदरबांट करने में जुटे हैं। क्षेत्र में ऐसी कई ग्राम पंचायते है जहां पर मजदूरों से कार्य न करवा कर मशीनों से कार्य करवाए जा रहे हैं। जिनकी शिकायत करने पर फर्जी रिपोर्ट लगा कर उसका निस्तारण कर देते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरों के लिए चलाई गई योजना मनरेगा का सिर्फ कागजांे में ही कार्य नजर आता है ग्रामीणो ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री व अपर आयुक्त मनरेगा से की है। ऐसा ही एक मामला ब्लॉक मुख्यालय के करीब स्थित ग्राम बागी का सामने आया है। जहां पर जलरोक बांध के नाम से हमीरपुर रोड से खुटमिली संपर्क मार्ग बनाई गई कार्य योजना में 1 लाख 14 हजार 648 रुपये का भुगतान एक, चार, सोलह व 29 नंबम्बर 2021 को निकाला गया है। जबकि टैक्टरों व जेसीबी से कार्य विगत चार दिन पूर्व कराया गया है। कार्य योजना का स्टीमेट तीन लाख रुपये से अधिक का बना हुआ है। ग्रामीणों ने जब मशीनों से हुए कार्य को देखा तो रोष जता कर बताया कि मजदूर वर्ग के लोगो के लिए चलाई जा रही योजनाओं में जिम्मेदार बंदरबांट कर रहे हैं। जबकि काम न मिलने के कारण लोग पलायन करने पर मजबूर हैं। ग्राम पंचायत अधिकारी जगत नारायण कुशवाहा ने कहा कि मामले की जानकारी कर रहे हैं। उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है जांच के बाद कार्यवाही होगी।

आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी सूचना

ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम रैला निवासी आरटीआई कार्यकर्ता रमेशचन्द्र ने आरोप लगाया कि प्रधान, सचिव व मनरेगा जेई ने एक माह पूर्व मनरेगा से कराए गए कच्चे जलरोक बांध, चकरोड, बंधा आदि में जेसीबी से कार्य करवा कर भुगतान करवाया है। उन्होंने इसकी शिकायत बीडीओ से की थी। लेकिन बीडीओ ने कोई सुनवाई नही की थी। उन्होंने जनसूचना के तहत जबाब मांगा है।

ग्राम पंचायतों में फर्जी जॉबकार्डो की भरमार

बताया जाता है कि मशीनों से काम करवाने के बाद मनरेगा जेई ने रोजगार सेवकों की मदद से फर्जी जॉबकार्ड बना लिए है। फर्जी जॉबकार्ड वालो को 20 से 25 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। ऐसे ग्रामीणो के नाम जॉबकार्ड है जिन्होंने कभी हाथ मे फावड़ा व डलिया नही पकड़ी है।
फोटो परिचय—-
ग्राम बागी में जेसीबी व ट्रैक्टरों से डाला गया जलरोक बांध।

फोटो परिचय—-
ग्राम रैला में जेसीबी व टैक्टर से कराया गया कार्य।

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