0 भूसा चूनी, चोकर और हरा चारा देने के लिए प्रति गौवंश मिलते 30 रुपये
कदौरा (जालौन)। गो आश्रय स्थलों पर हर स्तर पर व्यवस्थाएं घुटनों पर है। ताजा मामला ग्राम पंचायत बरही गौशाला का है। यहां गौवंशों को जीवित रखने के लिए सड़ी करबी को काट कर दिया जा रहा है। करबी खाकर कमजोर हुए गौवंशों में ठंड बर्दास्त करने की क्षमता भी नही है। जबकि सरकारी आकड़ों के हिसाब से गौशाला में 2021-22 में 1 लाख 74 हजार रुपये की धनराशि आ चुकी है। जिम्मेदार गौशाला में 60 गौवंश व 15 कुंतल भूसा स्टॉक में दिखा रहे हैं। जबकि गौशाला में 30 गौवंश के लगभग है और भूसा दूर दूर तक कही नही नजर आ रहा है। ग्रामीण तुलसीराम,रामस्वरूप आदि का आरोप है कि गौशाला में चारे पानी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण गौवंश गौशाला से निकल जाते हैं। निरीक्षण के नाम पर सिर्फ खानापूरी होती है। शासन के आदेशों को ब्लॉक के अधिकारी ढेंगा दिखा रहे हैं। एडीओ पंचायत रामकुमार ने कहा कि मौके पर जाकर गौशाला का निरीक्षण करेगे। व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएगी।