अभय प्रताप सिंह
ललितपुर। ब्लाक के सरकारी आवास में तालाबंदी करके शहर के आलीशान फ्लैट में आरामतलब जिंदगी गुजारना अब बीडीओ के लिए भारी पड़ सकता है। सीडीओ अनिल कुमार पांडेय ने रात्रि में ब्लाक कार्यालयों पर औचक छापेमारी प्रारंभ कर दी। पहले छापे में बीडीओ बिरधा नदारत मिले। उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
पंचायती राज अधिनियम को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ब्लाकस्तरीय व्यवस्था को बेहद सुदृढ़ बनाने के साथ ही ग्राम पंचायतों में कार्यालय संचालित करना चाहती है। इस दिशा में कदम भी उठाए जा रहे हैं। लेकिन, ब्लाक व ग्रामस्तरीय अधिकारियों को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है। वह इस पर अमल करना नहीं चाहते हैं। विकास खंड अधिकारियों को ब्लाक कार्यालयों में बाकायदा आवास मिलते हैं लेकिन वह इनमें नहीं रहते। जिला मुख्यालय स्थित सुविधायुक्त आलीशान आवासों में उनका निवास होता है। जिसकी वजह से शहर से ब्लाक आने जाने में ही घंटों समय, डीजल आदि बर्बाद होता है। सरकार ने इसको तत्काल बंद करने के निर्देश दे रखे हैं लेकिन कुछेक को छोड़ किसी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। सीडीओ ने ब्लाकों पर बीडीओ के ठहरने की हकीकत परखने के लिए छापेमारी प्रारंभ कर दी है। बीते रोज रात्रि नौ बजे के बाद वह स्वयं गाड़ी ड्राइव करके बिरधा ब्लाक कार्यालय पहुंच गए। इसके बाद खंड विकास अधिकारी आलोक कुमार को फोन करके अपनी लोकेशन बताई और तुरंत मिलने के लिए कहा। खंड विकास अधिकारी बहानेबाजी करने लगे। जिसके बाद सीडीओ वापस लौट आए। उन्होंने खंड विकास अधिकारी बिरधा को एक पत्र जारी स्पष्टीकरण तलब किया। जिसमें निरीक्षण का हवाला देकर दुबारा ऐसी पुनरावृत्ति होने पर निलंबन के लिए उच्चाधिकारियों से संस्तुति की हिदायत भी दी गई। इसके साथ ही स्पष्टीकरण पर निर्णय तक उक्त दिवस का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए। सीडीओ के इस तरह के निरीक्षण की जानकारी मिलते ही समस्त खंड विकास अधिकारियों में खलबली मच गयी। वह रात्रि में ब्लाक कार्यालय स्थित आवास पर रात गुजारने लगे हैं। सीडीओ ने इस निरीक्षण से जिलाधिकारी को भी अवगत कराया है।