उरई

बालिका को गर्भ में न मारें, उसे भी सम्मान जन्म लेने देंःरेनू

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई (जालौन)। गर्भ में पल रही बालिका को भी जन्म लेने का हक है। इसलिये उसे गर्भ में न मारें, बल्कि उसे सम्मान से जन्म लेने दें और लड़कों की तरह उसे भी पढायें-लिखायें तथा वह सारे अधिकार व सुविधायें दें जो प्रायः लड़कों को दी जाती हैं। यह बात जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव ने ग्राम पडूली में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में वच्र्युअल रूप से सहभागिता करते हुये कही। यह शिविर नालसा व सालसा के प्लान आॅफ एक्शन के अन्तर्गत ‘‘बालिकाओं का जन्म एवं शिक्षा का अधिकार‘‘ विशय पर माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना के निर्देशानुसार आज आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन कोरोना गाइड-लाइन के अन्तर्गत छोटे स्तर पर किया गया। इसमें सीमित संख्या में ग्रामीणों की भागीदारी देखने को मिली तथा उपस्थित व्यक्तियों के मध्य फिजीकल एवं सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया गया।
विधिक जागरूकता शिविर में सचिव श्रीमती रेनू यादव ने जनसामान्य और तहसील कर्मचारियों को बताया कि भारत में लिंग चयन, प्रसव पूर्व एवं प्रसवोपरान्त कन्या भ्रूण हत्या रोके जाने हेतु पीसी-पीएनडीटी एक्ट को लागू किया गया है। अवैध गर्भ समापन और अल्ट्रासाउन्ड सेन्टर को इस एक्ट के दायरे में लाया गया है, ताकि कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम हो सके। ऐसा इसलिये कि समाज में लड़के व लड़की की संख्या का अनुपात जिसे लिंगानुपात कहा जाता है, संतुलित बना रहे। तहसील विधिक सेवा समिति सचिव, तहसीलदार उरई कुमार भूपेन्द्र ने कहाकि गर्भस्थ शिशु की हत्या वैधानिक, सामाजिक और शास्त्रीय रूप से भी अपराध है और यह पाप की श्रेणी में आता है। इसलिये इससे बचाव की आवश्यकता है। बेटियों को बचाने और उन्हें पढ़ाने की जरूरत है, ताकि भारत एक सभ्य व शिक्षित समाज बन सके। इस अवसर पर समाज कल्याण अधीक्षक देवेन्द्र त्रिवेदी, प्रधानाध्यापक राघवेन्द्र कुमार दीक्षित, प्रधान प्रतिनिधि मोनू यादव, पीएलवी टीम लीडर श्रीमती दीक्षा तिवारी, महेन्द्र मिश्रा, महेश सिंह परिहार, करन सिंह यादव, योगेन्द्र सिंह तखेले, धर्मेन्द्र कुमार और जनसामान्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरान्त उन्होंने जिला कारागार में भी आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में वर्चुअल रूप से सहभागिता करते हुये बन्दियों को उनके अधिकारों के सम्बन्ध में तथा लोक अदालत के लाभों, कोविड-19 से बचाव एवं जन सूचना अधिकार अधिनियम के विधिक उपबन्धों के बारे में बताये। विचाराधीन बंदियों की समस्याओं के निराकरण हेतु और उनको विधिक सहायता पहंुचाने के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती रेनू यादव ने जिला कारागार उरई की सभी बैरकों का निरीक्षण किया एवं वहां निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों से वार्ता की तथा उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु एवं कोविड-19 के बचाव हेतु पर्याप्त साफ-सफाई हेतु जिला कारागार प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर उप कारापाल श्रीमती हौसिला देवी मौजूद रहीं।

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