उरई

बसपा, कांग्रेस ने घोषित किये प्रत्याशी, सपा में भाजपा में लंबी कतारें

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई (जालौन)। कालपी विधानसभा में बसपा ने बहुत पहले तो कांग्रेस ने गुरुवार को अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। वही भाजपा और समाजवादी पार्टी में प्रत्याशियों की लंबी फेहरिस्त होने की वजह से नाम चयन में माथापच्ची चल रही है। कालपी विधानसभा दलित, पाल, ब्राह्मण और क्षत्रिय बाहुल्य सीट है। जिनको ध्यान में रखकर सभी राजनैतिक दल प्रत्याशियों को मैदान में उतारती हैं। बसपा ने पाल बिरादरी की बहुतायत मतदाता संख्या को देखते हुए सबसे पहले श्याम पाल उर्फ छुन्ना पाल को मैदान में उतारा है, जो कि पाल, दलित और मुस्लिम के वोट का समीकरण फिट कर अपनी राहें आसान समझ रहे हैं। लेकिन इनके ऊपर गुंडा एक्ट में 6 माह के लिए जिलाबदर होने की कार्यवाही छवि पर बट्टा लगाने का काम कर सकती है। वहीं कांग्रेस ने 2012 में जीत दर्ज कराने वाली पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह सरसेला की पत्नी पूर्व विधायक उमाकांति को तीसरी बार टिकट देकर चुनावी रण में उतारा है। चैरासी के क्षत्रिय बाहुल्य इलाके में जनाधार के साथ हिन्दू-मुस्लिम में स्वीकार्यता और 2012 के चुनाव में उमाकांती के सामने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह की जमानत जब्त हो गयी थी। इसलिए कमतर नहीं आंका जा सकता।

 

भाजपा के क्षत्रिय नेताओं में टिकट हासिल करने की प्रतिद्वंदिता

उरई। भाजपा में टिकट पर माथापच्ची चल रही है। भाजपा के अंदरूनी और बाहरी सर्वे में पिछड़ा वर्ग से पिछड़ा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व जिला पंचायत सदस्य बाबा बालकदास का नाम चल रहा है तो क्षत्रिय नेताओं में वर्तमान एमएलए नरेंद्र पाल सिंह जादौन, पूर्व विधायक संतराम सिंह सेंगर, जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह बना, राजेश सिंह सेंगर, पूर्व विधायक छोटे सिंह चैहान, युवा नेता पुष्पेंद्र सिंह सेंगर का नाम टिकट की लिस्ट में है। अगर वर्तमान एमएलए का टिकट कटता है तो संतराम सिंह सेंगर, राजेश सिंह सेंगर और रामेंद्र सिंह के नाम पर विचार हो सकता है। हालांकि संतराम सिंह सेंगर उस समय भाजपा को जिंदा रखे रहे, जब भाजपा नेपथ्य में चली गई थी। माधौगढ़ क्षेत्र में अपने दम पर 47 हजार वोट तक हासिल किए, यही नहीं जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख चुनावों में अपना लोहा मनवाते रहे लेकिन जब अच्छे दिन आये यानि सत्ता तो उन्हें अलग-थलग कर दिया गया। हालांकि बेटे पुष्पेंद्र सेंगर को दो बार जिला पंचायत सदस्य बनवाकर अपनी ताकत का संदेश दे चुके हैं। केंद्रीय मंत्री रखा मंत्री राजनाथ सिंह के काफी करीब है। जिलाध्यक्ष रामेंद्र सिंह सेंगर पर प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का वरदहस्त है तो राजेश सिंह सेंगर किसान मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे हैं।
फोटो परिचय—-
छोटे सिंह चैहान, संतराम सिंह सेंगर, बालमदास बाल, अरुण मेहरोत्रा, नरेंद्र पाल सिंह जादौन।

सपा में सबसे ज्यादा ब्राह्मण नेता टिकट की लाइन में लगे

उरई। समाजवादी पार्टी में प्रदेश सचिव प्रदीप दीक्षित, दीपू त्रिपाठी, राघव अग्निहोत्री, सुदामा दीक्षित, सुशील द्विवेदी तो पूर्व ब्लॉक प्रमुख समर सिंह उर्फ गुड्डू, पूर्व मंत्री श्रीराम पाल के साथ पिछले दिनों कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी प्रत्याशियों की लाइन में हैं। वैसे तो पार्टी ब्राह्मण दांव लगाना चाहती है। लेकिन दूसरे दलों के समीकरण देखकर कुछ भी बदलाव कर सकती है पर ब्राह्मण दावेदारों में पूर्व विधायक विनोद चतुर्वेदी सब पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। उन्हें जनपद में ब्राह्मणों का बड़ा चेहरा माना जाता है, क्योंकि उनका अपना जनाधार है। डूबती कांग्रेस को कई वर्षों तक जिला में मजबूत बनाये रखे। सपा में भी उच्च स्तर पर काफी अच्छी लॉबिंग है। वरिष्ठ सपा नेता प्रदीप दीक्षित समाजवादी पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। जिन्हें उरई नगर पालिका चुनाव के दौरान से ही कालपी में तैयारी करने की हरी झंडी मिली हुई थी। इतना ही नहीं पार्टी के नेता भी प्रदीप दीक्षित को टिकट मिलने की पैरोकारी भी कर रहे है। खास बात तो यह है कि प्रदीप दीक्षित के नाम पर कालपी विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता भी उनके पक्ष में खड़े दिखायी दे रहे है। उनका मानना है कि यदि पार्टी को किसी ब्राह्मण चेहरे को ही टिकट देना है तो पार्टी की निष्ठा से लंबे समय से जुड़े प्रदीप दीक्षित ही बेहतर प्रत्याषी हो सकते है। सुदामा दीक्षित की कंट्रोवर्सी के कारण युवाओं में पकड़ है पर पार्टी में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। पूर्व मंत्री मनोज पांडेय के नजदीक हैं लेकिन पार्टी में ऊपर मचे घमासान के चलते अब उन्हें अपना बजूद बचाये रखने में मशक्कत करनी पड़ सकती है। इसलिए इनकी पैरोकारी खटाई में पड़ सकती है। दीपू त्रिपाठी पर प्रो. अभिषेक मिश्रा का हाथ है तो अपने बेटे को निर्दलीय जिला पंचायत सदस्य बनाकर ताकत दिखा चुके हैं। फिलहाल तो पार्टी का फैंसला ही अंतिम होगा। अन्य में पूर्व मंत्री श्रीराम पाल और समर सिंह उर्फ गुड्डू ही प्रत्याशी ही मजबूत माने जा रहे हैं।
फोटो परिचय—-
विश्णुपाल सिंह, समर सिंह, श्रीराम पाल व विनोद चतुर्वेदी।

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