बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। गांव में स्थित तालाब के किनारे भगवान शंकर का मंदिर है। पट्टा धारक मछलियों को निकालकर खराब मछलियों को वहीं छोड़ देते हैं। जिनसे निकलने वाली बदबू से भक्तों को परेशानी होती है। पीड़ित ग्रामीण ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर समस्या के समाधान की मांग की है।
तहसील क्षेत्र के ग्राम नवासी निवासी वीर बहादुर सिंह ने एसडीएम राजेश सिंह को शिकायती पत्र देकर बताया कि उनके गांव में एक तालाब है। तालाब के किनारे ही भगवान शिव शंकर का प्राचीन मंदिर है। जिसमें लोगों की काफी आस्था है। दूर दूर से लोग भगवान शंकर के दर्शन के लिए आते हैं। तालाब में मछली पालन के लिए पट्टा दिया जाता है। पट्टा धारक तालाब में मछली पालन करके मछलियों को निकालते हैं। यदि मछलियां खराब होती हैं अथवा मर जाती हैं तो उन्हें वहीं छोड़कर चले जाते हैं। मछलियां सड़ने और गलने से भयंकर दुर्गंध निकलती है। जो आसपास के क्षेत्र में फैली रहती है। ऐसे में भगवान शंकर के मंदिर में जाने वाले भक्तों को काफी परेशानी होती है। बदबू के चलते पूजा पाठ भी ढंग से नहीं कर पाते हैं। ग्रामीण ने एसडीएम से समस्या के समाधान की मांग की है।