
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन देवी भक्तों ने मंदिरों में मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की और घरों में बोए गए जवारों को भी चढ़ाया। नगर व ग्रामीण क्षेत्र में देवी मंदिरों में देवी भक्तों की भीड़ उमड़ी। नवरात्र के अंतिम दिवस देवी पांडालों और देवी मंदिरों पर मां सिद्धदात्री की पूजा अर्चना की गई। देवी भक्तों ने रोरी, चंदन व फूल, मालाऐं चढ़ाकर पूजा-अर्चना की। पुराणों के अनुसार यह देवी 4 भुजाओं वाली और शेर पर सवार हैं। आज के दिन इनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसलिए इनका नाम सिद्धदात्री पड़ा। घरों में जवारों की स्थापना करने वाले नगर व क्षेत्र के देवी भक्त मुंह में सांग छेदकर व जवारे लेकर देवी मंदिर पहुंचे। नगर में छोटी माता मंदिर, बड़ी माता मंदिर, भदवां स्थित प्राचीन मां दुर्गे शक्तिपीठ मंदिर व ग्राम पहाड़पुरा में कामाक्षा देवी मंदिर पर सुबह से ही देवी भक्तों की भारी भीड़ लगी रही।सभी देवी भक्त अपने-अपने घटों को लेकर अचरी गाते हुए देवी मंदिरों की ओर खिंचे चले आ रहे थे। कई भक्त नाचते-गाते देवी मैया के जयकारों के साथ मंत्र मुग्ध थे। देवी मां के भक्त मुंह में सांग छेदकर रास्तों पर दौड़ लगाते हुए आ-जा रहे थे। वहीं महिलाऐं भी अपने सिरों पर जवारों के घट रखे हुए भक्ति भाव से देवी मां के गीतों को गाते हुए रास्तों पर जा रहीं थीं। इसके साथ ही नगर व ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 70 देवी पंडालों में सजे मां के विभिन्न रूपों की झांकियों में आज हवन किया गया। इसके बाद लगभग सभी दुर्गा पंडालों में भंडारे व कन्या भोज का आयोजन किया गया। जिसमें नगर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद चखा।



