सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई (जालौन )।माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्लान ऑफ एक्शन के अन्तर्गत बच्चों के अधिकार एवं पोक्सो एक्ट/बाल श्रम पर रोक/कोविड-19 से बचाव विशय पर माननीय जनपद न्यायाधीश श्री तरूण सक्सेना के निर्देशानुसार विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन आज ग्राम राहिया स्थित ग्राम सचिवालय में किया गया।
इसकी अध्यक्षता करते हुये सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेनू यादव द्वारा बताया गया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये भारतीय संविधान में मूल अधिकारों के अन्तर्गत बच्चों को कई संवैधानिक अधिकार दिये गये हैं। इनमें जीवन जीने का अधिकार, समानता का अधिकार, निःशुल्क स्वास्थ्य एवं चिकित्सा का अधिकार, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक व सामाजिक अधिकार, रोटी, कपड़ा और मकान का अधिकार तथा खेलकूद के साथ-साथ शिक्षा का अधिकार दिया गया है। उनके द्वारा बताया गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-39 के अन्तर्गत संवैधानिक दायित्व की पूर्ति के लिये असहाय, साधनहीन एवं समाज के गरीब व्यक्तियों को निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण गठित है।
सचिव रेनू यादव द्वारा बताया गया कि शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 21 अन्तर्गत एक मौलिक अधिकार है। इसमें 06 वर्ष से 14 वर्ष आयु तक के बच्चों के लिये शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इसमें इस आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिये निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने पोक्सो एक्ट के साथ साथ कोरोना वायरस से बचाव सम्बन्धी उपाय विस्तार से बताये।
नायब तहसीलदार उरई गौरव कुमार द्वारा बच्चों को खेलकूद एवं आय जाति, निवास प्रमाण-पत्र बनवाने की सुविधाओं के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान सरला देवी, बाल विकास परियोजना अधिकारी जामिन्त्री देवी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के वरिष्ठ लिपिक अश्वनी कुमार मिश्र, प्रोबेशन विभाग समन्वयक सुरेश कुमार, समाज कल्याण अधीक्षक देवेन्द्र त्रिवेदी, आंगनवाड़ी कार्यकत्री गिरिजा देवी, ग्राम पंचायत अधिकारी हरीश राठौर, लीगल ऐड क्लीनिक के पूर्व पैनल सदस्य अनिल कुमार शर्मा, लेखपाल राजपाल सिंह पीएलवी टीम लीडर दीक्षा तिवारी, रामदेव चतुर्वेदी, महेन्द्र मिश्रा, महेश सिंह परिहार, करन सिंह यादव, योगेन्द्र तखेले, अनुराग स्वर्णकार, धर्मेन्द्र कुमार, मनीशा चतुर्वेदी, शिक्षक-शिक्षिकायें और ग्रामवासी उपस्थित रहे।