उरई

विद्यालय मर्जर आदेश के विरोध में यूटा के शिक्षकों ने सौंपा ज्ञापन

यूटा के नेतृत्व में डीएम व सांसद को सौंपा गया मांगपत्र, आदेश निरस्त करने की मांग

उरई (जालौन)। प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों के मर्जर के आदेश के खिलाफ शिक्षकों में आक्रोश है। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा 1739) उ.प्र. के प्रतिनिधियों ने इस आदेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर गुरुवार कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय और सांसद नारायण दास अहिरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ घनश्याम अनुरागी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन देने वालों में यूटा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र राजपूत, प्रदेश प्रवक्ता सुशील राजपूत, जिलाध्यक्ष नृपेंद्र देव सिंह, जिला महामंत्री डॉ. शात्रुघ्न सिंह, कार्यकारी जिलाध्यक्ष सुरेश वर्मा और कोषाध्यक्ष विकास गुप्ता शामिल रहे।
यूटा ने ज्ञापन में कहा कि 16 जून 2025 को शासन द्वारा जारी आदेश, जिसमें कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को पास के विद्यालयों में समायोजित (मर्जर) करने का निर्देश दिया गया है, न केवल शिक्षकों बल्कि बच्चों के भविष्य के लिए भी घातक है।
यूटा की ओर से कहा गया कि यह आदेश शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) की धारा-4 का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें 1 किमी. की परिधि में स्कूल की अनिवार्यता और 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को स्थानीय स्तर पर निशुल्क शिक्षा की बात कही गई है। प्रतिनिधियों ने तर्क दिया कि आरटीई कानून में बदलाव सिर्फ विधायिका द्वारा हो सकता है, न कि शासनादेश से। मर्जर आदेश लागू होने से न केवल हज़ारों विद्यालय बंद हो जाएंगे, बल्कि शिक्षकों के पद भी समाप्त हो सकते हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि “नजदीकी विद्यालय में मर्जर” एक छलावा है। वास्तव में बच्चों को कई बार 4-5 किलोमीटर दूर के विद्यालयों में भेजना पड़ेगा, जिससे उनकी पढ़ाई बाधित होगी, उपस्थिति कम होगी और शिक्षा से उनका जुड़ाव टूट सकता है।
यूटा पदाधिकारियों ने कहा कि परिषदीय विद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र हैं, बल्कि ग्रामीण बच्चों की पहली सामाजिक पहचान भी हैं। उनका मर्जर एक बच्चे के पहले सपने को छीनने जैसा है।
शिक्षकों ने जिलाधिकारी व सांसद से अपील की कि वे शासन को इस आदेश के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए इसे निरस्त कराने की पहल करें। उन्होंने कहा कि यह निर्णय बेसिक शिक्षा की जड़ों को कमजोर करेगा। ज्ञापन के दौरान रोहित कुमार, शैलेन्द्र कुमार, मु. मुहीआजम, बृजबिहारीलाल बुधौलिया, भानुप्रताप सिंह,डॉ आसमा परवीन, यशा राजपूत, कमल कुमार गुप्ता, उमेश मिश्रा, कृष्ण कुमार दीक्षित, उदयवीर सिंह, निरंजन, अखिलेश कुमार, मु. अख्तर खान, सुयश गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार, जगदीश कुशवाहा, संदीप कुशवाहा, मु. फहीमुद्दीन सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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