जालौन

भाव के भूखे होते हैं भगवान

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन(उरई)। कहते हैं भगवान भाव के भूखे हैं और भक्त भी अपने आराध्य की सेवा, पूजा और श्रृंगार भी आस्था भाव से करते हैं। आस्था के विविध रूप पूरे विश्व में देखने को मिलते हैं। एक ऐसा ही भक्त और भगवान की बीच के निस्वार्थ प्रेम का अद्भुत दृश्य जालौन में देखने को मिला। जहां एक भक्त ने अपने बाल गोपाल को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजा। स्कूल की शिक्षिका भी बच्चों के साथ बाल गोपाल को भी कखग और एबीसीडी पढ़ाती हैं।यह दिलचस्प नजारा जालौन कस्बे में देखने को मिला जब स्कूल की ड्रेस में सजधज कर, गले में आईकार्ड और बैग लेकर अपनी माँ की गोद में भगवान श्रीकृष्ण स्कूल पढ़ने पहुँचे तो ऐसा लगा जैसे कलयुग में द्वापर युग वापस आ गया। यहाँ एनएसटी शिक्षा अकादमी में बाकायदा कृष्ण कन्हैया का एडमिशन कराया गया है। क्लासरूम में उनके लिए विशेष प्रकार की कुर्सी और मेज की भी व्यवस्था की गई है। 1 जुलाई को श्रीकृष्ण का एडमिशन माधव नाम से विद्यालय में कराया गया है।विद्यालय प्रबंधन बी एस तोमर के अनुसार ये सब अदभुत और चमत्कारिक है। पिछले 10 दिनों में विद्यालय में एडमिशन फूल हो गया है। लोगों के भावनात्मक लगाव को देखते हुए श्री कृष्ण को मेधावी छात्रों की श्रेणी में रखा गया है और विद्यालय प्रबंधन द्वारा फीस भी नही ली गयी है। विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं ने बताया कि आज कान्हा जी हमारे साथ पढ़ने आये है। हमारे लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि माधव हमारे सहपाठी हैं।

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