उरई

डाकोर विकास खण्ड में मनाया गया विश्व भूगर्भ जल दिवस

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई (जालौन)। विश्व भूगर्भ जल दिवस पर अनुरागिनी संस्था द्वारा जनपद के डकोर विकास खंड के जल ग्राम टिमरो के सुदर्शन पुस्तकालय एवं वाचनालय परिसर में जल के संरक्षण विषयक जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे लोगो को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक कर शपथ दिलाई गई कि इस धरा को बचाने के लिए भूगर्भ जल का संरक्षण करेगे ।
मुख्य वक्ता नाबार्ड द्वारा गठित किसान क्लब फेडरेशन के सभापति राम प्रकाश दौदेरिया ने कहा कि विश्व भूगर्भ जल दिवस 10 जून को हम सभी मनाते है, पीने योग्य पानी का मुख्य स्रोत भूगर्भ जल ही हैऔद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण एवं ग्लेशियर, नदियों के जलस्तर में गिरावट, पर्यावरण विनाश, प्रकृति के शोषण और इनके दुरुपयोग के प्रति असंवेदनशीलता पूरे विश्व को एक बड़े जल संकट की ओर ले जा रही है।
उन्होंने कहा कि पैकेट और बोतल बन्द पानी आज विकास के प्रतीकचिह्न बनते जा रहे हैं प्रतिवर्ष लोगों के बीच भूगर्भ जल का महत्व, आवश्यकता और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये “विश्व भूगर्भ जल दिवस” पर अनुरागिनी संस्था द्वारा जल ग्राम टिमरो में किए जा रहे जल संरक्षण के कार्य सराहनीय है।
अनुरागिनी संस्था के अध्यक्ष डॉ प्रवीण सिंह जादौन ने कहा कि जनपद जालौन के सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता हो यह सभी के सामूहिक प्रयास से संभव है
अनुरागिनी संस्था का इस विषय पर लोगो को जागरूक कर
जल संरक्षण के महत्व पर ध्यान केंद्रित करा रही है। सहकार भारती के जिला अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राजावत ने कहा कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है?
हम सभी को परम्परागत तरीकों से जनपद जालौन में अपने क्षेत्र के अनुरूप जल भण्डारण के विभिन्न ढाँचों को अपनाना है।
भारत विकास परिषद के बुंदेलखंड के अध्यक्ष अजय कुमार महतेले ने कहा कुएँ, बावड़ी व तालाबों की विरासत हमारे पुरखों ने हमें सौंपी है हम सभी को पुराने जलस्रोतों को सम्भालना हमारा दायित्व है। पानी के बिना जीवन ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियाँ नदी के किनारे विकसित हुई हैं। इस प्रकार ‘जल ही जीवन है’ का अर्थ सार्थक है। असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए जलाशय सिकुड रहे हैं, जल विश्व की बड़ी एवं विकट समस्या है।भूजल की स्थिति आने वाले वक्त में क्या होगा इसे गम्भीरता से लेने की जरूरत हैइस दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय भूगर्भ जल दिवस पर व्यापक चिन्तन-मंथन कर जल संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए कार्यक्रम में नितेश कुशवाहा सत्यम मिश्रा नीलेश खरे राहुल समाधियां रविंद्र सिंह परमार कुंदन सिंह श्याम करण प्रजापति विक्रम सिंह कुशवाहा मुख्य रूप से उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन अनुरागिनी संस्था के परियोजना समन्वयक अनिल सिंह यादव ने किया ।

Related Articles

Back to top button