0 लेखपाल की शह पर चल रहा सरकारी जमीन हथियाने का फंडा
माधौगढ़ (जालौन)। प्रशासन चुनाव के बाद हार-जीत के समीकरणों में उलझा है, तो जनता सरकारी जमीनों पर कब्जा करने का समीकरण फिट करने में लगी हुई है। माधौगढ़ के गीधन की खोड़ में स्कूल की बाउंड्रीवाल निर्माण में नया कारनामा सामने आया है। सरकारी प्राथमिक स्कूल ने खाद के गड्ढे और आम रास्ते की जमीन पर अपना कब्जा कर लिया है तो स्कूल की जमीन पर अगल-बगल के लोगों ने अपना कब्जा कर लिया है। खण्ड शिक्षा अधिकारी काफी व्यस्त हैं, जो स्कूल की जगह की नाप के लिए ग्रामीणों के प्रार्थना पत्र का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए यह मनमाना खेल प्रधान और लेखपाल की शह पर चल रहा है।
गीधन की खोड़ में ग्रामीणों दशरथ सिंह, गंगा सिंह, रमेश, सुरेश, अनिल कुमार, राममोहन आदि ने तहसील के आला अधिकारियों को शिकायती पत्र दिया कि प्रधान ने प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल बनवाने में आम रास्ते और खाद के गड्ढे की जगह को स्कूल के अंदर मिला दिया जबकि स्कूल की जगह को अपने चहेते को दे दिया। ग्रामीणों का उसी रास्ते से निकलना होता था, जिसकी वजह से अब लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है। शिकायत होने के पहले ही प्रधान के जेठ पंचायत मित्र रामकरन लेखपाल निशा के साथ आये और ग्रामीणों को अन्य जगह निकलने के लिए मौखिक रूप से कह दिया। जिस पर अन्य ग्रामीणों ने विरोध कर निकलना रोक दिया। अब इस मामले पर परेशान ग्रामीणों में रोष है। सवाल यह है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी अपने स्कूल की पूरी जगह जोकि 200 एयर है, को पैमाइश क्यों नहीं करा रहे हैं? वह ग्रामीणों के प्रार्थना पत्र का इंतजार कर रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी नेत्रपाल सिंह से बात करने पर कहते हैं हम व्यस्त हैं,ग्रामीण शिकायत करें तो हम नाप कराएं। ऐसे में जब तक स्कूल की जगह की पैमाइश नहीं होगी,कब्जे का खेल चलता रहेगा और ग्रामीण अधिकारियों की चैखट पर शिकायतें करते रहेंगे।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी प्राथमिक विद्यालय की बाउण्ड्रीबाॅल
माधौगढ़। गीधन की खोड़ में प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्रीवाल निर्माण में मानकों का कतई ध्यान नहीं रखा गया। बाउंड्री देखने से लग रहा है कि इसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया। कमीशनबाजी के कारण विकास कार्यों में धांधली होती है। गांव में महिला प्रधान की जगह उसके जेठ जोकि गांव में ही पंचायत मित्र भी है, प्रधानी का पूरा काम देखते हैं। जबकि योगी सरकार का स्पष्ट निर्देश था कि गांव में चुने हुए प्रधान का कोई नजदीकी पंचायत मित्र नहीं रह सकता।
फोटो परिचय—-
शिकायत करने जाते ग्रामीण।