जालौन

महात्मा ज्योतिबा फुले की मनाई गयी जयंती

अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन (उरई)। महात्मा ज्योतिबा फुले ने इस देश में शिक्षा को क्रांति के रूप में स्थापित किया और जिस दौर में शिक्षक सामान्य जन के लिए उपलब्ध नहीं थी। उस दौर में ज्योतिबा फुले ने अपनी पत्नी को शिक्षा दिलवा कर उन्हें एक महिला शिक्षक के रूप में समाज के सामने रखा। ताकि लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़े। यह बात जन अधिकार पार्टी के तत्वावधान में आयोजित महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती पर बृजमोहन सिंह कुशवाहा ने कही। चुर्खी रोड स्थित मोहन सिंह कुशवाहा के आवास पर जन अधिकार पार्टी के तत्वावधान में महात्मा ज्योतिबा फुले की 195वीं जयंती बालकराम दोहरे फौजी की अध्यक्षता में मनाई गई। कार्यक्रम की शुरूआत महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया। कार्यक्रम में पूर्व जेडीसी बैंक अध्यक्ष मूलशरण कुशवाहा ने कहा कि वर्तमान समय में ज्योतिबा फुले के विचारों की प्रासंगिकता बढ़ गई है। क्योंकि मौजूदा सरकार शिक्षा को खत्म करने की साजिश कर रही है और छल और प्रपंच की नीतियों में सरकारी धन का दुरुपयोग कर रही है। जिससे शिक्षण संस्थानों को वित्तीय अभाव से जूझना पड़ रहा है। शिक्षा महंगी होती जा रही है और कमजोर वर्ग पुनः एक बार अपने बच्चों को शिक्षा दिला पाने में असमर्थ होता जा रहा है। जबकि सरकार को शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर शिक्षित समाज तैयार करना चाहिए। एड बृजमोहन कुशवाहा ने कहा कि हाल की में प्रदेश सरकार ने निजी कॉलेज में फीस बढ़ाने की संस्तुति की है। शिक्षा मंहगी होने से गरीब समाज का क्या होगा। कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में शिक्षा की अलख जगाने की प्रयास किया। अपी पत्नी को शिक्षित किया। ताकि वह शिक्षित होकर औरों को भी शिक्षित कर सकें। इस मौके पर अनुरोध सिंह कुशवाहा, मोहन सिंह कुशवाहा, अरुण मुनीम, मुहर सिंह कुशवाहा, गोविंद सिंह कुशवाहा, देव सिंह छानी, शिवाजी कुशवाहा आदि मौजूद रहे।

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