
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। उरई विकास प्राधिकरण क्षेत्र द्वारा विकास क्षेत्र की सीमा विस्तार किया जाना है। योजना को लेकर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। इसी क्रम में नगर पालिका परिषद जालौन को एक पत्र भेजकर इस प्रस्ताव पर सुझाव मांगे गए हैं। जिसमें जालौन नगर पालिका क्षेत्र समेत जालौन तहसील क्षेत्र के 32 राजस्व गांवों को भी उरई विकास प्राधिकरण के विकास क्षेत्र में शामिल किया जाना है।
नगर पालिका अध्यक्ष नेहा पुनीत मित्तल ने बताया कि उरई विकास प्राधिकरण की ओर से प्राप्त पत्र में प्रस्तावित क्षेत्र विस्तार की जानकारी देते हुए नगर पालिका जालौन से इस पर सुझाव मांगा गया है। बताया कि वर्तमान में उरई विकास प्राधिकरण के अधीन उरई नगर क्षेत्र के अतिरिक्त 34 राजस्व ग्राम शामिल हैं। लेकिन जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण की गति को देखते हुए अब उरई विकास प्राधिकरण क्षेत्र को और अधिक विस्तृत किए जाने की योजना है। उरई विकास प्राधिकरण के प्रस्तावित विस्तार क्षेत्र में तहसील उरई के 39 राजस्व ग्राम, तहसील जालौन के 32 राजस्व ग्राम व नगर पालिका परिषद जालौन का पूरा क्षेत्र सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है। उरई विकास प्राधिकरण कार्यालय से भेजे गए पत्र के माध्यम से प्रस्तावित सीमा विस्तार पर सुझाव मांगा गया है। सुझाव भेजे जाने के बाद इसे औपचारिक रूप बोर्ड बैठक में अनुमोदित कराया जाएगा और आगे की कार्यवाही की जाएगी। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि नगर पालिका इस प्रस्ताव का गहनता से अध्ययन कर रही है, ताकि जनहित, विकास की संभावनाओं और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए उचित सुझाव दिए जा सकें। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित योजना यदि जनहित में उपयुक्त पाई जाती है, तो इससे आने वाले वर्षों में शहरी बुनियादी ढांचे, सड़क, जल निकासी, भवन निर्माण, पर्यावरण एवं आवास योजनाओं के क्षेत्र में सुव्यवस्थित विकास की राह खुलेगी।
-प्रस्ताव में शामिल नगर पालिका जालौन क्षेत्र-
नगर पालिका परिषद क्षेत्र, मौजा धौरा खेड़ा अंदर हद, मौजा धौरा खेड़ा बाहर हद, मौजा मनकापुर बाहर हद, भिटारा बाहर हद, लौना, बिरिया बुजुर्ग
-प्रस्ताव में शामिल जालौन तहसील क्षेत्र के राजस्व गांव-
रूरा मल्लू, खजुरी, गूढ़ा न्यामतपुर, सारंगपुर, हरक्का, मांडरी, गायर, हरकौती, शहजादपुरा, कुंवरपुरा, छानी खास, अकोढ़ी दुबे, पहाड़पुरा, कुठौंदा खुर्द, भिटारा, छौलापुर, उदोतपुरा, तांबा, धौरा खेड़ा, सालाबाद, सुढ़ार, लहरउआ, लहर जालौन, छिरिया सलेमपुर, गुलाबपुरा, मनकापुर (मलकपुरा), सोनई परवई, शेरपुरा, औरेखी, सोनरा, गनूपुरा, खर्रा
जालौन। उरई विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे विकास क्षेत्र के प्रस्तावित विस्तार में जालौन तहसील के 32 राजस्व गांवों और नगर पालिका परिषद जालौन को सम्मिलित किया जाना प्रस्तावित है। लेकिन इस सूची में जालौन से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम प्रतापपुरा को शामिल न किए जाने से ग्रामीणों में भारी निराशा और असंतोष व्याप्त है।
प्रतापपुरा गांव, जो भौगोलिक दृष्टि से नगर सीमा से सटा हुआ है, तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। वहीं ग्रामीण रोजाना रोजगार, शिक्षा, चिकित्सा आदि के लिए जालौन नगर पर निर्भर हैं। बावजूद इसके इस गांव को प्रस्तावित विकास क्षेत्र से बाहर रखना ग्रामीणों की समझ से परे है। ग्रामीण देवेंद्र सिंह, विशभर दयाल, रामेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, सुमित नारायण पाठक, विश्वनाथ विश्वकर्मा, अमर सिंह, कामता प्रसाद, सूरज प्रसाद पूर्व प्रधान आदि ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रतापपुरा गांव की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या वृद्धि और भविष्य के विकास की संभावनाओं को देखते हुए यह क्षेत्र उरई विकास प्राधिकरण की सीमा में आना चाहिए। यदि इसे शामिल नहीं किया गया तो गांव के विकास की संभावनाएं बाधित होंगी और सरकारी योजनाओं का लाभ सीमित रहेगा। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रतापपुरा को विकास प्राधिकरण के अधीन लाया जाता है, तो यहां सुव्यवस्थित तरीके से सड़क, नाली, जल आपूर्ति, पार्क, स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी एवं उरई विकास प्राधिकरण सचिव से मांग की है कि प्रस्तावित सीमा विस्तार में प्रतापपुरा गांव को तत्काल शामिल किया जाए, जिससे यहां भी सुनियोजित विकास की संभावनाओं को बल मिल सके।