मन्त्री जी के प्रोटोकॉल के नाम पर किसी ने किया मजाक लोग बोले नही हो सकती इतनी बड़ी चूक
मन्त्री जी के प्रोटोकॉल में डूडा कॉलोनी में जाने के जुमले की आस में बैठे रहे कॉलोनी के वाशिंदे

आखिरकार मंत्री जी ने डूडा कॉलोनी का गेट पार कर क्यों नही दिए गरीब व असहायों को दर्शन
सत्येन्द्र सिंह राजावत
उरई(जालौन)। 24 सितम्बर को संजय गंगवार प्रभारी मंत्री जी जालौन पहुचे जहाँ उनके पहुचने से पहले उनका प्रोटोकॉल पहुचा जिसमे उनके कार्यक्रमों के स्थलों का उल्लेख था । जिसको लेकर मंत्री जी प्रोटोकॉल के तहत सभी जगह पहुंचे औऱ लोगों को सरकार की उपलब्धियां गिनवाई । लेकिन मंत्री जी के जाते ही लोगों में चर्चाएं होने लगीं की मंत्री जी कैसे भूल कोई बोला नेताओं ने भुला दिया जब पता किया तो मालूम चला कि मंत्री जी लहरिया पुरवा तो पहुंचे गाड़ी भी डूडा कॉलोनी के गेट पर रुकी लेकिन डूडा कॉलोनी का गेट पार करना भूल गए या उनको डूडा कॉलोनी में प्रवेश करने का रास्ता ही नही बताया गया । जबकि प्रोटोकॉल में उरई लहरिया पुरवा स्थित डूडा कॉलोनी में विशेष सफ़ाई अभियान एवं श्रमदान वाली लाईन साफ साफ लिखी थी जिसकी सूचना मिलने पर गरीबों के लिए सरकार द्वारा बनाई गई कॉलोनी में रह रहे वाशिंदे मंत्री जी के दर्शन व उनकी सरकार को धन्यवाद देने के लिए उनकी आस लगाए बैठे हुए थे । लेकिन जब मंत्री जी पैसे वालों के घरों के पर लगे तम्बू में होकर लौट गए और अपनी सरकार द्वारा बनाये गए गरीबो के आशियाने में नही पहुंचे तब मानो उन गरीब वाशिंदों के अरमानों पर पानी फिर गया क्योंकि जवान लोग तो तम्बू तक पहुच गए । लेकिन बुजुर्ग ,बच्चे , बिकलांग , गोद मे बच्चों को लिए महिलाएं जैसे लोग सरकार द्वारा दिए गए घर के बाहर इंतजार ही करते रह गए । जिसके बाद लोग बोले प्रोटोकॉल के नाम पर शायद किसी ने मजाक किया ।
गन्दगी के कारण कॉलोनी में नही पहुच पाए मंत्री जी

वहीँ कुछ लोग खुशफुसाते सुनाई दिए कि कॉलोनी में गन्दगी बहुत थी इसीलिए नेताओ ने वहां नही जाने दिया । इसकी बात को देखें तो डूडा कॉलोनी लहरिया पुरवा वार्ड में आती है । जबकि वार्डों में रोजाना नगर पालिका के सभासद सफाई कर्मचारियों से सफाई करवाते तो गन्दगी कैसी और वहीं दूसरी बात करें तो जो नजूल की तलइया सालों से साफ नही हुई जिसपर कई भू माफियाओं की कब्जा करने की नियत है जिसमे कुंटलो के हिसाब से कचड़ा पड़ा था वो एक रात में साफ हो गई तो कॉलोनी में गंदगी हो सायद यह एक जुमला हो।
नेताओ ने मंत्री जी को नही पार करने दी सरकार के द्वारा बनाये गए आशियानों की दहलीज

जितने मुह उतनी बातों की तरफ ध्यान दिया गया तो लोग दबे सुर में यह भी कह रहे थे कि यहाँ के नेताओ ने नही जाने दिया । अब बात करें तो सदर विधायक मंत्री जी की सरकार का कॉलोनी का सभासद मंत्री जी की सरकार का फिर मंत्री जी की कदम ताल किसने बदली यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि सरकार के जिन मंत्री के लिए सालों से अपने भीतर कचड़ा समाये तलइया रातों रात साफ हो गई रातों रात वाटर कूलर लग गया तो मंत्री जी सरकार द्वारा बनाये गए आसियाने में भी व्यवस्थाएं हो सकती थी । इसलिए जिसने प्रोटोकॉल नही देखा उन लोगों को सभी बातें झूंठ लग रही बस एक बात सच लग रही । मंत्री जी के प्रोटोकॉल के नाम पर किसी ने किया मजाक ।



