श्रीलक्ष्मी नारायण रामचरित मानस संघ के 70वें वार्षिकोत्सव पर रामचरित मानस व्याख्यान का हुआ आयोजन

बबलू सेंगर माहिया खास
जालौन। नगर के ज्वालागंज स्थित श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में में श्रीलक्ष्मी नारायण रामचरित मानस संघ के 70वें वार्षिकोत्सव पर रामचरित मानस व्याख्यान आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। इस दौरान हनुमत द्वाराचार्य परीक्षा धाम पीठाधीश्वर ने भगवान श्रीराम के आदर्श चरित्र, मर्यादा, करुणा और त्याग के प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला अमृत ग्रंथ है। भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सत्य, कर्तव्य और विनम्रता की शिक्षा मिलती है। श्रीश्री 1008 संत ईश्वरदास ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को पुनः राम के आदर्शों की आवश्यकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे श्रीराम के चरित्र को अपने जीवन में अपनाएं ताकि समाज में सद्भाव, अनुशासन और प्रेम का वातावरण बने। इसके अलावा समागम को श्रीश्री रामदेवदास रामायणी, राघवेंद्रदास रामायणी और सुनीत कुमार मिश्र रामयणी ने भी प्रभु श्रीराम के आचरणों को भक्तों को अपने जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर में भक्ति गीतों और मानस के दोहों की स्वर लहरियों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। श्रद्धालु तालियां बजाकर और जय श्रीराम के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान करते रहे। इस मौके पर अनूप अवस्थी, महावीर प्रसाद मिश्रा, भगवानदास गुप्ता, संतोष, उमेशचंद्र गुप्ता, आरती, संतोषी, दिव्यांशी, रूकमणि आदि मौजूद रहे।


