जालौन

अमृत योजना के अन्तर्गत नगरीय निकायों के नागरिकों को दी जा रही हैं बुनियादी सुविधाएं

सत्येन्द्र सिंह राजावत

उरई(जालौन)। देश में बढ़ते नगरीकरण के कारण बड़े शहरों व छोटे-छोटे नगरों की बसावटों में आवासीय एवं जनसंख्या की वृद्धि हो रही है। बसावटों की वृद्धि के कारण शहरी क्षेत्र बढ़ते जा रहे हैं। शहरी क्षेत्र बढ़ने से जो नागरिक बुनियादी सुविधायें पूर्व से थी उनको विस्तारित करना जरूरी हो गया है। शहरों के नागरिकों को पहली आवश्यकता पेयजल की आपूर्ति और सीवरेज व्यवस्था सही ढंग से संचालित करना है। उसके साथ ही उस क्षेत्र के मार्ग निर्माण, वर्षा व घरेलू जल निकासी, शहरी पथ एवं शहरी यातायात चौराहे, हरित स्थल पार्क आदि के कार्य नगर निकायों को कराना पड़ता है। वर्तमान में प्रदेश में 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद एवं 545 नगर पचायतें है, इस तरह कुल 762 नगरीय निकाय है।
बड़े एवं छोटे शहरों की इन्हीं बुनियादी सुविधायें देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने अमृत (अटल मिशन फार रिजुवनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) योजना आरम्भ की है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में अमृत योजना प्रदेश सरकार ने लागू करते हुए नगरों के विकास कार्य आरम्भ कर दिये हैं। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक नगरीय परिवार को जलापूर्ति सीवरेज कनेक्शन, हरित क्षेत्रों/पार्कों का विकास आदि कार्य करते हुए नागरिकों को मूलभूत सूविधाएं दी जा रही है। नगरों के विकास के लिए नागरिकों को अच्छी सुविधा देने के लिए प्रदेश सरकार योजनायें लागू कर नगरीय क्षेत्रों का विकास कर रही है।
इस योजना के तहत चयनित नगर निकायों में आवागमन की क्षमता निर्माण के कार्य कराये जा रहे हैं। जिनमें गलियां, मार्ग आदि का सुधार/निर्माण कराते हुए नगरवासियों को अच्छी सुविधा दी गयी है। जिन क्षेत्रों में जलापूर्ति का अभाव था, क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाकर घरों में जलापूर्ति की सुविधा दी जा रही है। बस्तियां बढ़ने के कारण जिन क्षेत्रों में सीवरेज की व्यवस्था नहीं थी उन क्षेत्रों में सीवर लाइन बिछाकर सीवरेज की व्यवस्था की जा रही है। जलभराव व वर्षा जल निकासी, नालियों/नालों का निर्माण व जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। शहरी निवासियों के आवागमन, वाहनों की बढोत्तरी होने से चौराहों आदि के चौडीकरण का कार्य स्वच्छता के लिए कूड़ादान की व्यवस्था, पार्कों एवं हरित स्थलों का निर्माण, जीर्णोद्धार आदि कार्य कराते हुए नगरों को स्वच्छ तथा नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं।
अमृत योजना 1.0 कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में पेयजल, सीवरेज एवं हरित भूमि/पार्कों के निर्माण व विकास की कुल 723 परियोजनाएं स्वीकृत है, जिनकी कुल लागत रू० 11312.10 करोड़ है। स्वीकृत पेयजल की 169 परियोजनाओं में 164 पूर्ण तथा सीवरेज की 113 परियोजनाओं में 100 पूर्ण की गयी है। हरित भूमि एवं पार्क विकास की 441 परियोजनाओं में 319 पूर्ण हो गयी है। इस प्रकार प्रदेश के नगरीय निकायों में संचालित उक्त योजनाओं में कुल 583 परियोजनायें पूर्ण हो गई है।
अमृत योजना के तहत पेयजल की 464 नग नए नलकूपों में से 461 नग नलकूप का कार्य पूर्ण किया गया है। 80 नग नलकूपों के रीबोर के सापेक्ष 77 नलकूप पूर्ण हो गये है। 199 अवर जलाशय का कार्य तथा 121 भूमिगत जलाशयों का कार्य पूर्ण हो गया है। वितरण प्रणाली के अन्तर्गत 6095.20 कि०मी० का कार्य पूर्ण किया गया है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत 9.56 लाख प्रस्तावित पेयजल गृह संयोजन के सापेक्ष 9.24 लाख गृह संयोजन का कार्य पूर्ण करते हुए लोगों को पेयजल की अपूर्ति की जा रही है।
सीवरेज कार्यों के तहत 3214.38 कि०मी० प्रस्तावित सीवर नेटवर्क के सापेक्ष 3159.89 कि०मी० नेटवर्क का कार्य पूर्ण हो गया है। अमृत योजना के अन्तर्गत नगरीय निकायों में 408 एम०एल०डी० क्षमता के प्रस्तावित 14 एस०टी०पी० तथा 405 एम०एल०डी० क्षमता के 05 डब्ल्यू०टी०पी० निर्माणाधीन है, जिनमें से 288 एम०एल०डी० की क्षमता के 13 एस०टी०पी० एवं 210 एम०एल०डी० क्षमता के 04 डब्ल्यू०टी०पी० का निमार्ण पूर्ण हो चुका है। 10.88 लाख प्रस्तावित सीवर गृह संयोजनों के सापेक्ष 9.01 लाख गृह संयोजनों का कार्य पूर्ण किया गया है। हरित भूमि व पार्क विकास के अंतर्गत 341 परियोजनाओं के सापेक्ष 319 परियोजनायें पूर्ण हो गई है।
अमृत 2.0 मिशन भारत सरकार द्वारा (पूर्व नाम जल जीवन मिशन-शहरी) नाम से नई योजना अक्टूबर, 2021 में प्रारम्भ की गयी है, जिसका उद्देश्य देश के सभी नगरीय निकायों में घरेलू नल कनेक्शनों के साथ सर्वसुलभ जल आपूर्ति और अमृत शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबन्धन की व्यवस्था करना है। यह योजना प्रदेश के समस्त 762 नगरीय निकायों (17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद एवं 545 नगर पंचायत) में लागू हो गई है। अमृत 2.0 के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 25,000 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिनमें कुल 563 परियोजनाएं स्वीकृत है। इन स्वीकृत परियोजनाओं में 26 परियोजनाएं पूर्ण हो गयी है शेष पर कार्य प्रगति पर है। प्रदेश सरकार नगरीय मूलभूत सुविधायें सुलभकराकर नागरिकों को स्वच्छ, सुन्दर वातावरण दे रही है।

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