
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। रामलीला महोत्सव 2025 में रावण वध की लीला का मंचन बांके बिहारी कॉलोनी में किया गया। जहां दशहरा मेला और रावण दहन का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ।

गुरूवार को रामलीला मैदान से शोभायात्रा बांके बिहारी कॉलोनी पहुंची। जहां मंच पर पहले रामलीला का आयोजन हुआ। जिसमें कुंभकर्ण, मेघनाथ एवं अहिरावण के वध के बाद रावण के वंश के लगभग सभी योद्धा समाप्त हो चुके थे, जिससे रावण ने स्वयं युद्ध में जाने की घोषणा की। लेकिन राजदरबार के लोगों ने बताया कि वर्षों पहले रावण का एक पुत्र मूल नक्षत्र में हुआ था, उसे नदी में बहा दिया गया था। जिसे सभी नारांतक के नाम से जानते हैं। रावण ने जब नारांतक को संदेश भिजवाया तो नारांतक पूरी सेना लेकर युद्ध के मैदान में पहुंचा और राम-लक्ष्मण से घमासान युद्ध किया, लेकिन वरदान प्राप्त होने से राम-लक्ष्मण नारांतक का वध नहीं कर सके। तब श्रीराम की सेना में शामिल दधिबल ने नारांतक का वध किया। नारांतक के वध की खबर मिलते ही मानो रावण पर वज्राघात हुआ और क्रोध से तमतमाए रावण ने पूरी सेना के साथ राम लक्ष्मण के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। रण क्षेत्र में श्रीराम एवं रावण का घमासान युद्ध हुआ और रावण द्वारा शिवभक्ति एवं घोर तपस्या से प्राप्त एक से बढ़कर एक मारक शस्त्रों का प्रयोग किया। जब श्रीराम एवं लक्ष्मण के तमाम प्रयासों के बावजूद रावण का वध नहीं हो सका तो श्रीराम निराश हो गए। ऐसे कठिन समय में रावण के भ्राता विभीषण ने श्रीराम को गोपनीय जानकारी दी कि रावण की नाभि में अमृत होने से वह मारा नहीं जा सकता। यदि बाण से नाभि पर प्रहार किया जाएगा तभी रावण का वध होगा। यह सुनकर श्रीराम ने रावण की नाभि पर बाण से प्रहार किया, जिससे रावण का वध हुआ। रावण का वध होते ही मंच के पीछे रावण के पुलते में आग लगाकर रावण दहन किया गया। इस दौरान हुई आतिशबाजी ने लोगों का मन मोह लिया। लगभग आधा घंटे तक आतिशबाजी का मनमोहक प्रदर्शन होता रहा। इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख रामराजा निरंजन, पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि पुनीत मित्तल, रामलीला समिति अध्यक्ष शशिकांत द्विवेदी, रामशरण विश्वकर्मा, प्रयाग गुरू, एसडीएम विनय मौर्य, सीओ शैलेंद्र बाजपेई, कोतवाल अजय ब्रह्म तिवारी, सतेंद्र खत्री, गौरीश द्विवेदी, चंद्रप्रकाश थोपन यादव, सुरेशराव डेंगरे, राजा सिंह सेंगर, अनिल शिवहरे, मनोज गुप्त, अनिल पुरवार आदि मौजूद रहे।



