लोगों ने डीएम को ज्ञापन भेजकर बच्चों की सुविधा के लिए स्कूलों में इंवर्टर की व्यवस्था कराने की उठाई मांग

बबलू सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। सरकार लगातार सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने और उनमें आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। बजट भी जारी किया जा रहा है ताकि विद्यालयों में बच्चों को बेहतर माहौल मिल सके। इसके बावजूद आज भी कई सरकारी विद्यालय बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इनमें सबसे बड़ी समस्या बिजली और इंवर्टर की व्यवस्था न होना है। नगर के लोगों ने डीएम को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपकर बच्चों की सुविधा के लिए स्कूलों में इंवर्टर की व्यवस्था कराने की मांग की है।
नगर के अशफाक राईन, ब्रजमोहन कुशवाहा, छोटू कुशवाहा, मदन बुंदेला, अरविंद प्रताप सिंह, मिथलेश कुमार, दिनेशचंद्र, मानवेंद्र सिंह आदि ने तहसीलदार अमित शेखर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि सरकारी विद्यालयों में इंवर्टर न होने से गर्मी के मौसम में बच्चे सबसे अधिक परेशान होते हैं। बिजली गुल होते ही छोटे-छोटे बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते और कक्षाओं में पसीना पोछते बैठे नजर आते हैं। उमस और गर्मी से कई बार बच्चों की तबीयत भी खराब हो जाती है। इससे न केवल पढ़ाई प्रभावित होती है बल्कि बच्चों का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ जाता है। कहा कि जब सरकार शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और विद्यालयों को आधुनिक बनाने का दावा किया जा रहा है, तो बिजली न रहने की समस्या के समाधान पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। बच्चों की सुविधा के लिए यदि हर स्कूल में इन्वर्टर उपलब्ध करा दिया जाए तो बच्चे पसीना पोछने की जगह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। उन्होंने डीएम से मांग की है कि बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में इंवर्टर की व्यवस्था कराई जाए। उनका कहना है कि यह कदम न केवल शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों की रक्षा करेगा।



