जालौन

जब-जब धरती पर अधर्म और अन्याय बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में होते अवतरित

बबलू सेंगर महिया खास

जालौन(उरई)। हरीपुरा स्थित देवी माता मंदिर में साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन भागवताचार्य पंडित राजेश मिश्रा ने भागवता कथा के पुण्य लाभ के बारे में श्रोताओं को बताया।
कथा व्यास ने बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म और अन्याय बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर धर्म की स्थापना करते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण बाल्यावस्था से ही अपनी अद्भुत लीलाओं द्वारा भक्तों का कल्याण करते रहे। कथा में कालियादमन प्रसंग का का वर्णन करते हुए कहा कि यमुना नदी में रहने वाला कालिया नाग अपने विष से समस्त वातावरण दूषित कर चुका था। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने चरणों से कालिया के फनों पर नृत्य कर उसके अहंकार का नाश किया और गोकुलवासियों को भयमुक्त किया। इस प्रसंग का वर्णन सुनकर श्रद्धालु जयकारों से गूंज उठे और कई भक्त भाव-विभोर होकर नाचने लगे। कहा कि कथा सुनना मात्र ही जन्म-जन्मांतर के पापों का क्षय करता है। इससे मनुष्य के हृदय में भक्ति, करुणा और दया की भावना जाग्रत होती है। भागवत कथा से व्यक्ति का जीवन संवरता है और आत्मा को परम शांति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु नियमित कथा श्रवण करते हैं, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और सांसारिक दुख स्वतः दूर हो जाते हैं। इस मौके पर परीक्षित अर्चना मिश्रा मिथलेश कुमार, दिलीप कुमार, डां आशीष कुमार, भगवती प्रसाद मिश्रा, सुनीता कुमार रामायणी, अरूण कुमार, सुनील त्रिपाठी, राजीव पांडेय, आशुतोष, रामजी, रमाकान्त, शैलेंद्र कुमार, प्रखर, वर्षा, गौरी, नेहा, राधिका, वेदांत आदि लोग मौजूद रहे।

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