
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। ग्राम हरीपुरा स्थित दुर्गा मंदिर में आयोजित भागवत कथा में पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं का वर्णन किया गया। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं को सुनकर श्रोता भावविभोर हो गए और जमकर नाचे।
हरीपुरा में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह में कथा व्यास पंडित राजेश मिश्रा ने श्रोताओं को बताया कि जब भगवान कृष्ण ठुमुक ठुमुक कर चलते थे तो यशोदा मैया उन्हें एकटक निहारती रहती थीं। माखन चोरी करते हुए वह स्वयं खाकर अपने सखाओं को खिला देते थे और बाकी बचा हुआ फैला देते थे। तब गांव की ग्वालिन यशोदा मैया से उनकी शिकायत करती थीं। इसकी तरह गोपियों को भी परेशान करते रहते थे। कालिया मान मदर्न की कथा के बारे में भी बताया। भामासुर की कथा के दौरान उन्होंने कहा कि शुकदेवजी बोले एक दिन इंद्र ने द्वारका में आकर भगवान से कहा भामासुर प्रजा को बड़ा कष्ट दे रहा है। उसने सुर असुर, गंधर्व और राजाओं की कन्याएं अपहरण कर अपने घर में बंद कर रखी हैं। वरुण का छत्र, अदिति के कुंडल एवं देवताओं का क्रीड़ास्थल मणिपर्वत भी उसने बलपूर्वक छीन लिया है। अब वह मेरे ऐरावत को भी छीनना चाहता है। यह सुनते ही भगवान श्रीकृष्ण ने भामासुर की राजधानी पहुंचकर गदा से पर्वत, बाणों से शस्त्र और चक्र से अग्नि जल और वायु के आवरण तोड़ डाले। भामासुर हाथी पर चढ़कर और विशाल सेना लेकर युद्ध भूमि में आ गया। भगवान ने तीक्ष्ण वाणों से हाथी, घोडे़, रथ और पैदल सहित उसकी संपूर्ण सेना क्षणमात्र में काट डाली। केवल भामासुर युद्ध में डटा रहा। उसने श्रीकृष्ण को मारने के लिए त्रिशूल उठाया लेकिन भगवान ने त्रिशूल के बार के पूर्व ही उसका मुकुट कुंडल सहित सिर काटकर पृथ्वी पर गिरा दिया। इस मौके पर पारीक्षित अर्चना, मिथलेश कुमार, केदारनाथ, जय प्रकाश, राजीव कुमार, अवध बिहारी, विनय कुमार, डासॅ. आशीष, छोटू, प्रशांत, आलोक कुमार, शिवम आदि भक्त मौजूद रहे।



