
मड़ावरा (ललितपुर)। सर्व पितृ अमावस्या के दौरान तालाबों व नदियों के घाटों पर पितरों के लिए पिंड दान को तांता लगा रहा। मंत्रोच्चार के साथ लोगों ने पितरों के तर्पण के लिए प्रक्रिया पूर्ण की।
सुबह दस बजते-बजते पूरा घाट पिंडदान करने वालों से भर गया था। पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार से बड़ी संख्या में लोगों को पिंडदान कराया। लोगों ने अपने पितरों को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तर्पण किया। जौ का आटा, खोवा, चावल, बालू आदि पदार्थों के साथ पिंडदान करके पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने दूध, घृत, शहद, अक्षत, रोली, चंदन, पुष्प, सुगंध, धूप, दीप और नैवेद्य समर्पित कर पतित-पावनी का विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया। पुरोहितों के मुताबिक सर्व पितृ अमावस्या पर नंदी तालाबों में स्नान का बड़ा महत्व है। आज के दिन पानी में डुबकी लगाने और दान पुण्य करने से नष्ट होते हैं।