अमित गुप्ता
कालपी जालौन नगर में संचालित व्यास श्रेत्र संस्कृत उ० मां०/महाविद्यालय में प्रवेश प्रारंभ है।जो ब्राह्मण बच्चे प्रवेश पाना चाहते हो तुरंत सम्पर्क करें।
बुन्देलखण्ड के प्रवेश द्वार यमुना नदी के किनारे श्री व्यास जन्म भूमि एवं कल्प ऋषि की तपोभूमि जहां बृम्हा जी द्वारा निर्मित सूर्यकुण्ड हो यहां अच्छे आचार्यों का निर्माण करके उन्हें डिग्री प्रदान की जाती है ।यहां बच्चे धर्म गुरु, ज्योतिष व्याकरण विषयों पर महारत हासिल करके धर्म की रक्षा व संस्कृत, संस्कृति और संस्कार का प्रचार प्रसार करने में सफलता प्राप्त करते हैं।
प्रधानाचार्य उत्तम कुमार निरंजन ने बताया कि प्रथमा से आचार्य तक सभी विषयों में संचालित पाठ्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों को सांस्कारिक सुशिक्षित कराने हेतु अध्यन की उचित व्यवस्था है। यहां संचालित होने वाली कक्षाओं में प्रवेशिका समकक्ष(छै:) प्रथमा समकक्ष (आठ)पूर्व माध्यमा (द्विवर्षीय)(समकक्ष हाईस्कूल 10)उत्तम माध्यमा(द्विवर्षीय)(समकक्ष इण्टर12) शास्त्री (समकक्ष बीए) आचार्य (समकक्ष एम ए) की शिक्षा प्राप्त होती है।
विद्यालय में प्रदत सुविधाओं के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए विद्यालय के प्रबंधक योगेन्द्र नारायन शुक्ल वैद्य जी ने बताया कि यहां मुफ़्त भोजन विद्यालय में प्रशिक्षित एवं योग्य शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य, कम्प्यूटर शिक्षा की विशेष व्यवस्था,पुस्तकालय व वाचनालय,सह शिक्षा , नियमित व्यायाम वह योगाभ्यास, पूर्णतया पठन पाठन हेतु प्राकृतिक वातावरण, प्राचीन गुरुकुलम परम्परा के साथ साथ आधुनिक विषयों (अंग्रेजी, विज्ञान,सा०विज्ञान,गणित,दर्शन,पुरोहित्य )आदि का पठन पाठन होता है। विद्यालय अध्यक्ष नारायण दास अवस्थी ने बताया कि विद्वान गुरूजन शिवशंकर शुक्ला (पूर्व प्राचार्य) बृजगोपाल द्विवेदी व्याकरणाचार्य, भूपेंद्र कुमार राजावत (व्याकरणाचार्य) गणेश शंकर त्रिवेदी (साहित्या चार्य) रूची गुप्ता (एम ए,बी एड,एच डी)आदि का विद्यालय क़ पूर्ण सहयोग प्राप्त है।