बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। ईश्वर अपने भक्त को बिन मांगे ही सब कुछ दे देता है। जैसे सुदामा को बिन मांगे ही सब कुछ मिल गया। भगवान् अपने भक्त के लिए हमेशा ही तत्पर रहते हैं। सिर्फ उन पर विश्वास करने की जरूरत है। यह बात ग्राम उदोतपुरा में हनुमान मंदिर पर आयोजित साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन सरस कथा वाचक पंडित अरविंद ब्रह्मचारी ने उपस्थित भक्तजनों के समक्ष कही।
क्षेत्रीय ग्राम उदोतपुरा स्थित हनुमान मंदिर पर साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास पंडित अरविंद ब्रह्मचारी ने उपस्थित भक्तजनों को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर अपने भक्त को बिन मांगे ही सब कुछ दे देता है। जैसे सुदामा को बिन मांगे ही सब कुछ मिल गया। भगवान् अपने भक्त के लिए हमेशा ही तत्पर रहते हैं। सिर्फ उन पर विश्वास करने की जरूरत है। सुदामा जी के दरिद्र होने पर उनकी पत्नी के बार-बार आग्रह करने पर सुदामा अपने बालसखा श्रीकृष्ण से कुछ मांगने की इच्छा लिए उनसे मिलने द्वारिकापुरी जाते हैं। लेकिन श्रीकृष्ण के भव्य महल व राजसी ठाठ-बाट देखकर वह संकोच में पड़ जाते हैं। वह श्रीकृष्ण को अपने आने का उद्देश्य भी नहीं बता पाते हैं। लेकिन भगवान् तो अपने भक्तों के मन तक की बात को भली- भांति जानते हैं। श्रीकृष्ण ने जान लिया कि सुदामा किस उद्देश्य से उनसे मिलने आए हैं। जिस पर उन्होंने सुदामा के कुछ मांगे बिना ही उन्हें सबकुछ दे दिया। जब सुदामा अपने घर पहुंचते हैं, तो वहां की कायाकल्प देखकर पर भौंचक्के रह जाते हैं। इसके उपरांत कथा व्यास द्वारा कलियुग का चरित्र वर्णन किया गया। इस मौके पर पारीक्षित सर्वेश सिंह राजावत, सुखदेव सिंह राजावत, तेजपाल चैहान, देवसिंह चैहान, किशन राजावत, जितेंद्र चैहान, घ्मनोज चैहान, दीपेश चैहान, मोहित चैहान, वीरपाल, बाबुराम पाल, वरदान पाल, धीरेंद्र पाल, भल्लू पाल, लालमन पाल, हरीमोहन राठौर, गुड्डू याज्ञिक, अशोक राठौर, अतर सिंह पाल आदि मौजूद रहे।