जालौन

श्रीमद भागवत के पांचवें दिन श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का किया गया वर्णन

बबलू सिंह सेंगर महिया खास

जालौन। क्षेत्रीय ग्राम उदोतपुरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन श्रीकृष्ण की बाल लीलााओं का वर्णन किया गया।
क्षेत्रीय ग्राम उदोतपुरा में हनुमान मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन कथा व्यास पंडित अरविंद ब्रह्मचारी ने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में लोगों को आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में पैदा लेता है तो चार व्याधि उत्पन्न होते हैं। रोग, शोक, वृद्धापन और मौत मानव इन्हीं चार व्याधियों से धीर कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है। सांसारिक बंधन में जितना बंधोगे उतना ही पाप के नजदीक पहुंचेगा। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैया पार होगी। भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेते ही कर्म का चयन किया। नन्हें कृष्ण द्वारा जन्म के छठे दिन ही शकटासुर का वध कर दिया, सातवें दिन पूतना को मौत की नींद सुला दिया। तीन महीने के थे तो कान्हा ने व्योमासुर को मार गिराया। प्रभु ने बाल्यकाल में ही कालिया वध किया और सात वर्ष की आयु में गोवर्धन पर्वत को उठा कर इंद्र के अभिमान को चूर-चूर किया। गोकुल में गोचरण किया तथा गीता का उपदेश देकर हमें कर्मयोग का ज्ञान सिखाया। प्रत्येक व्यक्ति को कर्म के माध्यम से जीवन में अग्रसर रहना चाहिए। इस मौके पर पारीक्षित सर्वेश सिंह राजावत, सुखदेव सिंह राजावत, बिंदपाल सेंगर, सुरेंद्रपाल सिंह, जालिम सिंह चौहान, गिरजाशंकर खरे, शंकर सिंह चौहान, भगवानदास मिश्र, सतीशचंद्र मिश्र, श्यामसुंदर बुधौलिया, बलराम सिंह चौहान, राजाबाबू चौहान, डॉ. खरे, जंगबहादुर आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button