बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। कोतवाली क्षेत्र में हार-जीत की बाजी के खेल पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। इस खेल में युवा पीढ़ी फंसकर अपना समय व घर बर्बाद कर रहे हैं। शिकायतों के बाद भी पुलिस जुआ के खेल पर विराम लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।
अपराध को रोकने के लिए सरकार से लेकर अधिकारी तक पुलिस को आदेश देते रहते हैं। किन्तु अपराध की जड़ कहे जाने वाले जुआ के खेल को बंद में पुलिस दिलचस्पी नहीं दिखाती है। ग्राम छिरिया सलेमपुर में कारसदेव बाबा के चबूतरे के पास, मोहल्ला एम पी में तालाब के पास, औरेखी में मरघट की तलैया के पास, ग्राम खनुवां, सहाव, भदवा, सिकरीराजा, सुढ़ार सालाबाद आदि गांवों में भी हार-जीत की बाजी का खेल लम्बे समय से बदस्तूर चल रहा है। हार-जीत के इस में जीत की लालसा से युवा फंसते जा रहे हैं। जीत के चक्कर में वह अपना पैसा गवाने के बाद घर का सामान बेचने या घर में भी चोरी करने में गुरेज नहीं करते हैं। हार-जीत के इस खेल में बहुत कुछ गवाने के बाद लोग अपनी भरपाई करने के चक्कर में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं जिससे गांवों में चोरी, राहजनी की घटनाएं घट जाती है। ग्रामीण राजेश चन्द्र श्रीवास्तव नैनपुरा, खनुवां निवासी राकेश कुमार (बाबाजी), देवी शंकर अहिरवार, गौरव बुधौलिया, मम्मू खान,, दयालु रजक आदि बताते हैं कि गांव में जुआ चलने की जानकारी पुलिस को देते हैं तो भी पुलिस कार्रवाई नहीं करती है। हफ्तों गांव में पुलिस का चक्कर नहीं लगता है। पुलिस आती भी तो गांव में पहले से जानकारी हो जाती है जिससे उस दिन खेल बंद हो जाता है। सी ओ उमेश कुमार पांडेय ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है। अगर सूचना मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।