0 उच्च न्यायालय ने फरवरी 2020 में दिये थे आदेश
0 अब सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की उठी मांग
अनुराग श्रीवास्तव के साथ बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन (उरई)। नगर में स्थित शमशान, कब्रिस्तान व तालाब अतिक्रमण के चपेट में है। तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के न्यायालय के आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। नगर के सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने की मांग उठने लगी है।
नगर के तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश उच्च न्यायालय दे चुका है। न्यायालय के आदेश पर फरवरी 2020 में अभियान भी चला था किन्तु कोरोना संक्रमण के कारण यह अभियान परवाना नहीं चढ़ पाया था। नगर के तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए पिछले वर्ष रणनीति बनी थी तथा टीम बना कर 17 मार्च 21 से अतिक्रमण हटाने की सार्वजनिक घोषणा की गयी थी। घोषणा के बाद भी प्रशासन ने अतिक्रमण विरोधी अभियान नहीं चलाया। इसके बाद 21 में अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति हुई। नगर के जोशियाना, हरीपुरा, घुआताल, चुर्खीबाल, काशीनाथ के तालाब अभी भी अतिक्रमण के चपेट में है। समाजसेवी रविन्द्र पाटकार, देवी दयाल वर्मा, अशफाक राईन, अभिलाष तिवारी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा कि नगर में स्थित श्मशानघाट , कब्रिस्तान व तालाबों पर कुछ लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर पक्के निर्माण करा लिए हैं। जबकि सरकार अवैध अतिक्रमण को लेकर काफी सख्त है। कई जगहों पर अवैध अतिक्रमण को हटा दिया गया है। नगर में भी कोरोना के चलते लगाए गए लोक डाउन से पूर्व अतिक्रमण ढहाये जा रहे थे। लेकिन लॉक डाउन के चलते उक्त कार्य को रोक दिया गया। पिछले माह नगर पालिका की ओर से बीती 17 मार्च 21 से अतिक्रमण अभियान दुबारा शुरू किए जाने की घोषणा की गई थी। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते यह अभियान शुरू नहीं हो सका। उन्होंने डीएम से मांग की है कि नगर में कब्रिस्तान, श्मशान व तालाबों पर किये गए अतिक्रमण को अभियान चलाकर उक्त स्थलों को अतिक्रमणमुक्त किया जाए।