बबलू सिंह सेंगर महिया खास
जालौन(उरई)। सरकार द्वारा वेयरहाउस में रखे जाने वाले कृषि उत्पादों पर जी एस टी , खड़े अनाजों पर फूड लाइसेंस की अनिवार्य करने व तथा 1000 रुपए तक होटल के कमरों पर जी एस टी लगाने की घोषणा से व्यापारियों में आक्रोश पनप रहा है। नगर के व्यापारियों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को देकर निर्णय को वापस लेने की मांग की है।
गल्ला व्यापार कल्याण समिति के तत्वाधान में समिति के अध्यक्ष प्रेमदास गुप्ता भूरे मामा, महामंत्री महेन्द्र कुमार राठौर के नेतृत्व व्यापारियों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार मुकेश कुमार को सौंपा जिसके माध्यम से कहा कि सभी प्रकार के अनुब्रांडे, प्रीपैक्स, प्रीलेविल अनाज, अरहर दाल, गेहूं, चना, मुरमुरे, आर्गेनिक गुड़, आटा जैसे आवश्यक उपयोग में आने वाली वस्तुओं पर 5 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। वेयरहाउस में रखे जाने वाले कृषि उत्पादों मूंगफली, नारियल, मसाले, काटन अभी तक कर मुक्त थे। इनको भी जी एस टी के दायरे में लाया जा रहा है। इसके साथ ही होटल में 1000 तक के कमरों पर जी एस टी काउंसिल द्वारा 12 प्रतिशत जी एस टी लगाने का निर्णय लिया गया है। सरकार के इन निर्णयों को लेकर व्यापारियों में नाराजगी है। व्यापारियों ने सरकार इन निर्णयों पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए गेहूं, आटा, दाल, चावल, मुरमुइ, दूध, दही, छांछ, गुड़ आदि आवश्यक वस्तुओं को कर मुक्त रखने व भारत सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं पर पैकेजिंग व लेबलिंग के नाम पर लगाये जाने वाले कर जी एस टी की अनुशंसा पर रोक लगाने की मांग की है। इस मौके पर अनन्त कुमार गुप्ता, देवेन्द्र यादव, आत्माराम पांडेय,महेशचंद्र अग्रवाल, सौरभ अग्रवाल,अंशुल सक्सेना, श्यामू गुर्जर,राजू मानपुर,सौरभ गुप्ता, मोहन कुशवाह, अन्नू शिवहरे, आदि व्यपारी मौजूद रहे।