
बबलू सेंगर महिया खास
जालौन। रामलीला भवन में चल रहे श्रीरामलीला महोत्सव में दूसरे दिन मनु शतरूपा व भगवान श्रीराम जन्म लीला का मनोहारी मंचन किया गया।
रामलीला मंचन के पहले दृश्य में पौलस्त्य रावण अपने अनुजों कुंभकर्ण और विभीषण समेत ब्रह्मा की तपस्या में लीन है, उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा उन्हें वरदान देते हैं। जिसमें रावण अजेयता और विभीषण भगवद्भक्ति का वरदान प्राप्त कर लेते हैं। जबकि वाग्देवी सरस्वती ने कुंभकर्ण की मति भ्रमित कर उसके मुख से इंद्रासन की बजाय निंद्रासन कहलवा दिया। फलस्वरूप मांगे गए वरदान देकर ब्रह्मा अंतर्ध्यान हो जाते हैं। फिर बढता है रावण का पापाचार, अधर्म के चारों ओर पैर पसारने से त्रस्त पृथ्वी गोवेश में बैकुंठ जाकर भगवान विष्णु से प्रार्थना करती है कि उसे रावण के पापाचार से मुक्त करें। इसके बाद भगवान विष्णु ने अयोध्या में राजा दशरथ के यहां राम अवतार के रूप में जन्म लिया। इसके साथ ही उनके लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न का भी जन्म हुआ। मंचन में रामजी के रूप में मनोज तिवारी, लक्ष्मण के रूप में शीपू पारासर, भरत श्याम जादौन, शत्रुघ्न प्रिंस चतुर्वेदी, मनु महाराज रमेश दुबे, शतरूपा तितली रानी, वशिष्ठ उमेश दुबे, दशरथ रमेश दुबे ने मनोहारी मंचन किया। नृत्यकार तितलीरानी व योगेंद्र बाबू ने नृत्य के माध्यम से तो टिल्लू मस्ताना ने व्यंग्य के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया। व्यवस्थाओं में पवन चतुर्वेदी, गुड्डन सक्सेना व राजकुमार ने सहयोग किया।



