0 आशियाना बनाना हो गया सपना 55 सौ रुपए प्रीति एक हजार में विक्र रहा ईटा
अमित गुप्ता
कदौरा (जालौन)। महंगाई का असर गरीबों व मध्यमवर्ग को आशियाना बनाने में दिखाई देने लगा है 1 वर्ष में आशियाना बनाने वाली सामग्री साहित मजदूरी में 30 से 35 प्रतिशत बढ़ोतरी आ गई है गरीबों को आशियाना बनाने में कई बार सोचना पड़ेगा घर बनाने के लिए ईट सरिया गिट्टी सीमेंट मोरम यहां तक की भराव के लिए मिट्टी के लिए भी गरीबों को बार-बार अपने बजट से हिसाब मिलाना पड़ता है गौरतलब है कि गरीबों व मध्यमवर्ग को अपना आशियाना बनाना सपना लगने लगा है क्योंकि विगत 1 वर्षों में बढ रही महंगाई का असर आशियाना बनाने वाली सामग्री पर भी देखा जा सकता है जहां पिछले साल ईटा का भाव 44 सौ रुपए मैं बिक रहा था जबकि सीमेंट ₹310 बोरी की अपेक्षा 380 बोरी हो गई और महंगाई मार के चक्कर मैं मजदूर हूं ने भी अपनी मजदूरी 25 प्रतिशत तक बड़ा दी है